सुप्रीम कोर्ट ने केरल स्थित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल नजीर मदनी से कहा है कि 2008 में बंगलुरु में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज नौ मामलों को एक साथ करने के लिए उन्हें निचली अदालत से अनुरोध करना होगा। न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने मदनी से कहा कि वे सारे मामलों को एक साथ करने के लिए एक हफ्ते के भीतर निचली अदालत से अनुरोध करें। अदालत ने इसके बाद मदनी की याचिका पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।

हालांकि इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह इन मामलों की सुनवाई एक साथ कराने के बारे में कोई फैसला करने से पहले कानूनी प्रावधानों का अवलोकन करेगी। मदनी के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि 2008 में दर्ज इन नौ मामलों में 254 गवाह समान हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति में सभी मामलों को एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया। वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने इस अनुरोध का विरोध किया और कहा कि उन्हें पहले निचली अदालत में जाना चाहिए।

बंगलुरु में 25 जुलाई 2008 को हुए विस्फोटों के मामले में मदनी मुख्य आरोपी हैं। इन विस्फोट में दो लोग मारे गए थे और 20 अन्य जख्मी हो गए थे। शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई में मदनी को स्वास्थ्य के आधार पर एक महीने की जमानत दी थी। अदालत ने यह भी कहा था कि कर्नाटक सरकार चाहे तो मदनी को अपनी निगरानी में रखने सहित ऐसे सभी कदम उठा सकती है, जिससे कि वे इस मामले के गवाहों से संपर्क न कर सकें।