वेस्ट इंडीज क्रिकेट की लचर हालत से निराश महान तेज गेंदबाज सर एंडी रोबर्ट्स का मानना है कि टीम अब प्रतिस्पर्धी भी नहीं रह गई और खिलाड़ी देश के बोर्ड से विवाद को लगातार बहाना बनाकर दोष से नहीं बच सकते। वेस्ट इंडीज की टीम पिछले लंबे समय से मुश्किल हालात से गुजर रही है और इस दौरान स्थिति बद से बदतर होती गई है जिसमें खिलाड़ियों और वेस्ट इंडीज बोर्ड के बीच भुगतान विवाद की भी अहम भूमिका है। वर्ष 2014 में इस विवाद के कारण वेस्ट इंडीज ने भारत का दौरा भी एकदिवसीय सीरीज के बीच में ही रद्द कर दिया था।

ग्लोबल क्रिकेट स्कूल और सचिन बजाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के इतर रोबर्ट्स ने कहा कि अब यह मुझे भावुक नहीं करता। वेस्ट इंडीज क्रिकेट जिस गर्त में गिर गया है, उसे देखना काफी दुखद और निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि और मैं सारा दोष बोर्ड पर नहीं मढ़ने वाला। मैं खिलाड़ियों को भी दोष दूंगा क्योंकि अपने प्रदर्शन के लिए तो खिलाड़ी ही जिम्मेदार हैं। इस महान तेज गेंदबाज ने कहा कि आपको सिर्फ जीतना नहीं होता, आपको प्रतिस्पर्धा पेश करनी होती है लेकिन फिलहाल हम (वेस्ट इंडीज) प्रतिस्पर्धा भी पेश नहीं कर पा रहे, निश्चित तौर पर हम ऐसा नहीं कर पा रहे।

रोबर्ट्स ने कहा कि 2014 के संकट के दौरान आइसीसी को हस्तक्षेप करना चाहिए था और डब्लूआइसीबी और खिलाड़ियों के बीच विवाद को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि आइसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को लंबे समय पहले वेस्ट इंडीज क्रिकेट के प्रशासन में हस्तक्षेप करना चाहिए था। जब उन्होंने भारत का दौरा रद्द किया था तो आइसीसी को हस्तक्षेप करना चाहिए था। आइसीसी के अब हस्तक्षेप करने का कोई मतलब नहीं है। यह वेस्ट इंडीज की समस्या है। यह पूछने पर कि क्या अनुभवहीन जेसन होल्डर को कप्तानी देना अच्छा कदम था, रोबर्ट्स ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें होल्डर को कप्तानी नहीं देनी चाहिए थी। निजी तौर पर मैं कप्तानी कीरोन पोलार्ड को देता। इस तरह की चर्चा है कि वह चार दिवसीय क्रिकेट नहीं खेलता लेकिन उसका औसत अधिकांश खिलाड़ियों से अच्छा है। मैं कप्तानी पोलार्ड को देता। यह पूछने पर कि क्या वह इंडियन प्रीमियर लीग का हिस्सा बनना पसंद करते उन्होंने कहा कि सिर्फ चार ओवर फेंकने पड़ते, मुझे इसका हिस्सा बनने में बेहद खुशी होती।