राजस्थान CM अशोक गहलोत ने कहा कि यूपी चुनाव की घोषणा होते ही पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ रही थी वो बंद हो गया। जैसे ही चुनाव समाप्त हुए फिर से कीमतें फिर बढ़ने लगी। लगभग 10 रुपये प्रति लीटर कीमतें बढ़ा दी और कल घोषणा करके 8-9 रुपये कीमतें कम कर दी। ये जनता को धोखा देने वाली बात है।

UPA की सरकार के समय 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती थी, जिसे इन्होंने बढ़ाकर 32 रुपये तक कर दिया। राज्यों का भी हिस्सा होता था लेकिन अब इन्होंने एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगा दी जिसका सारा पैसा इनके खाते में ही जाता है।

गहलोत ने सरकार के इस फैसले का क्रेडिट कांग्रेस पार्टी को दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला विपक्ष के दबाव में आकर लिया है। कांग्रेस द्वारा देशभर में लगातार मंहगाई के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन और उदयपुर के नवसंकल्प शिविर में तय किए गए मंहगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के दबाव से आज केन्द्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का फैसला करना पड़ा।

उधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है जनता को मूर्ख मत बनाइए। सरकार ने 2 महीने में पेट्रोल के दाम 10 रुपये बढ़ा दिए- अब साढ़े 9 रुपये की छूट देकर आखिर क्या बताना चाहते हैं।

ध्यान रहे कि बीते दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया है। सीतारमण ने कहा- हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी कर रहे हैं। इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी।

सीतारमण ने राज्य सरकारों से भी इसी तरह की कटौती लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वो सभी राज्य सरकारों, खासकर उन राज्यों से जहां पिछली बार कटौती नहीं की गई थी, को भी इसी तरह की कटौती करने की अपील करती हूं।