पंजाब सहित अन्य राज्यों में पैर जमाने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की सत्ता को ही ठीक से नहीं संभाल पा रही है। पंजाब, गोवा के बाद अब गुजरात में अपनी पार्टी का जमकर प्रचार कर रहे केजरीवाल और उनके मंत्री व विधायक चौतरफा सवालों में घिरे हैं।
एक ओर पार्टी के 37 विधायकों की सदस्यता खतरे में है और उनके ‘लाभ के पद’ के दायरे में आने की जांच चल रही है तो दूसरी और पार्टी के 14 विधायक अलग-अलग आरोपों को लेकर पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। इसके अलावा उपराज्यपाल द्वारा बनाई गई एक समिति आप सरकार की ओर से लिए गए फैसलों की भी जांच कर रही है। 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाली आप के आधे से ज्यादा विधायक आज आरोपों के घेरे में हैं। स्थिति यह है कि आरोपी विधायकों की फेहरिस्त बेदाग विधायकों से ज्यादा लंबी हो चुकी है। पार्टी के 14 ऐसे विधायक हैं जो पुलिस द्वारा अलग-अलग आरोपों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं, इस कड़ी में सबसे नवीनतम नाम है मटिया महल से आप विधायक गुलाब सिंह जिनके खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज हुआ है।


इससे पहले दिल्ली के महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार की भी आपत्तिजनक सीडी मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं पूरी आप सरकार पर एसीबी की तलवार भी लटकी है। इन सबसे बढ़कर उपराज्यपाल द्वारा गठित शुंगलू कमेटी आप सरकार की ओर से लिए फैसलों से संबंधित 400 फाइलों की छानबीन कर रही है। जनता के भारी समर्थन से अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी और दिल्ली में इसकी सरकार का भविष्य अब कुल मिलाकर चुनाव आयोग, दिल्ली पुलिस, एसीबी, उपराज्यपाल और आखिरकार अदालत के हाथों में है।

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