मदन गुप्ता सपाटू
इस साल फरवरी में कई ग्रहों की चाल बदली है। गुरु ग्रह अर्थात बृहस्पति ग्रह 19 फरवरी को प्रात: 11:13 बजे पर कुंभ राशि में अस्त हो गए थे। 20 मार्च को प्रात: 9:35 बजे पर इसी राशि में गुरु वापस आ जाएंगे। इस अवधि में शुभ एवं मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, धार्मिक अनुष्ठान, नया व्यवसाय खोलना, मकान की नींव डालना, नया निवेश आदि करना वर्जित माना जाता है। साधारण या आंचलिक भाषा में इसे ‘तारा डूबना’ कहा जाता है। इसी कारण विवाह का पहला मुहूर्त 15 अप्रैल को पड़ेगा जब शहनाइयां बजनी या बैंड बाजा बारात का मौसम आरंभ होगा।
इसी अवधि में चुनाव भी होने हैं और उनके परिणामों के उपरांत सरकारों का गठन भी होना है। अब कौन जीतेगा, कौन हारेगा, कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी और कौन बनेगा मुख्यमंत्री, किसकी जाएगी कुर्सी, किसका होगा राज……यह सब व्यक्तिगत भाग्य, जन्म पत्रिका में दी गई दशा, दिशा एवं ग्रह चाल पर निर्भर करता है। फिर भी कुछ मुख्य ग्रहों का देश दुनिया और जनमानस पर प्रभाव अवश्य पड़ता है जिसे ज्योतिष ग्रहों की चाल स देखता है।
जिन लोगों की कुंडली में गुरु मुख्य ग्रह है, धनु या मीन राशि है, उनकी दिनचर्या में थोड़ा बहुत विघ्न आ सकता है। ऐसे उम्मीदवार जो चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें झटका लग सकता है। उनकी तदबीर, तस्वीर और तकदीर बदल सकती है। गुरु के अस्त होने का व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। सत्तारुढ़ दलों की परेशानियां बढ़ेंगी। जीत की राह उतनी आसान नहीं होगी जतनी नजर आ रही थी या है।
राजनेताओं में वैमनस्यता का भाव बढ़ सकता है। बहुत आशावान उम्मीदवारों को उम्मीद से कम मिलेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना एक महत्त्वपूर्ण घटना मानी जाती है। प्रति वर्ष, कुछ दिनों के लिए आकाश में कोई-कोई ग्रह दिखाई नहीं देता है क्योंकि वह सूर्य के अत्यन्त समीप आ जाता है। वर्ष के इन दिनों को ग्रह-अस्त, ग्रह-लोप, ग्रह-मौद्य, ग्रह-मौद्यामि के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है। इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं माना जाता।
यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है, उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है।
इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष : मेष राशि लिए गुरु अस्त शुभ नहीं माना जा रहा है। कार्यस्थल पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खर्चों में वृद्धि हो सकती है। जीवनसाथी के साथ तनाव हो सकता है। मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है। जीवनसाथी के साथ तनाव हो सकता है। व्यापार में आर्थिक परेशानियां आ सकती है।
वृषभ : इस अवधि में मन की इच्छाएं अधूरी रह सकती हैं। नौकरी में बदलाव का विचार कर रहे हैं, तो फिलहाल टाल दें। इस दौरान व्यापार में मंदी आ सकती है। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें। काम में सफलता मिलने में देरी होगी। व्यापार में आर्थिक मंदी के हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
मिथुन : करिअर में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान बनते काम बिगड़ सकते हैं। आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक मुश्किलों के कारण मानसिक तनाव हो सकता है। वैवाहिक जीवन में साथी से मनमुटाव हो सकता है। बने हुए काम बिगड़ सकते हैं। आर्थिक तंगी परेशान कर सकती है।
कर्क : गुरु का अस्त होना शुभ संकेत नहीं दे रहा है। इस दौरान कार्यों में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगाष आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। व्यापार में नुकसान सहना पड़ सकता है। गुरु अस्त के दौरान खानपान का विशेष ध्यान रखना होगा।
कन्या : बृहस्पति के गोचर के दौरान सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान नौकरी में बदलाव हो सकता है। जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें। धन लाभ की स्थिति भी बन रही है, लेकिन अनावश्यक चीजों पर धन व्यय का योग भी बना हुआ है।
वृश्चिक : पैसों के मामले में ध्यान देने की आवश्यकता है। इस दौरान आमदनी से ज्यादा पैसा खर्च हो सकता है। यदि आप बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको वरिष्ठ और जानकार लोगों की राय जरूर लेनी चाहिए। विवाद की स्थिति उत्पन्न न होने दें। लक्ष्य प्राप्ति के लिए मेहनत करें। आलस्य से बचें।
धनु : भाई-बहन, मित्रों, पड़ोसियों के साथ संबंधों को प्रभावित कर सकती है। इस दौरान अहंकार से बचें और वाणी को खराब न होने दें। पराक्रम में कुछ कमी महसूस होगी। पैसे बचाने की कोशिश करें। आप भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर सकते हैं।
मकर : सावधान रहने की जरूरत है। निंदा रस से बचना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में मनचाहा परिणाम नहीं मिलेगा। संतान की पढ़ाई को लेकर चिंता रहेगी। धन हानि के योग बने हुए हैं। भाषण को दूषित न होने दें। तनाव और कलह से दूर रहें।
कुंभ : बृहस्पति कुंभ राशि में ही अस्त हो रहा हो तो आपकी राशि पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। कुंभ राशि में बृहस्पति की स्थिति कुछ मामलों में परेशानी का कारण बन सकती है। लक्ष्य प्राप्ति में बाधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। मेहनत पर विश्वास रखें।
उपाय : केसर का तिलक लगाएं। बृहस्पतिवार के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं। केले के वृक्ष की परिक्रमा करें और उस पर चने की दाल अर्पित करें। प्रत्येक बृहस्पतिवार के दिन पीपल को जल अर्पित करें। गुरुवार के दिन गौमाता को गुड़ और गेहूं खिलाएं। रोजाना गाय को आटे की लोई पर हल्दी का तिलक लगाकर खिलाएं। पुखराज धारण करें। गुरु के बीज मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:’ का एक माला जप करें। पीले मीठे चावल गरीबों में बांटें। जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षा की सामग्री भेंट करें। मंत्र ‘ॐ गुरुवे नम:’ का एक माला जप करें।