सुप्रीम कोर्ट Youtuber Manish Kashyap की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। यूट्यूबर मनीष कश्यप को बिहार के प्रवासी मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले का फर्जी वीडियो फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मनीष की याचिका पर 10 अप्रैल को सुनवाई होगी। अपनी याचिका में मनीष ने अपने खिलाफ दर्ज सभी FIRs को क्लब करने की मांग की है।

मामले को तुरंत लिस्ट करने के लिए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया था। पीठ दिन में ही बोर्ड की बैठक के अंत में इस मामले की सुनवाई करने पर सहमत हो गई। बाद में यह मामला शाम करीब सवा चार बजे पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।

इस दौरान मनीष कश्यप के वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता पर NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसपर CJI ने कहा कि इसे सोमवार (10 अप्रैल) के लिए रखते हैं।

सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े, एडवोकेट अमित आनंद तिवारी के साथ तमिलनाडु के लिए पेश हुए। जब याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कुछ अंतरिम राहत के लिए आग्रह किया तो हेगड़े ने कहा कि मनीष कश्यप को एक न्यायिक आदेश से हिरासत में हैं और यह अवैध हिरासत का मामला नहीं है। इसपर कोर्ट ने कहा कि अगर वह हिरासत में है तो हम अंतरिम राहत कैसे दे सकते हैं!

इससे पहले गुरुवार दोपहर पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई कि मनीष कश्यप पर NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है। मदुरै के पुलिस अधीक्षक शिव प्रसाद के मुताबिक तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो वायरल करने वाले मनीष कश्यप को NSA के तहत हिरासत में लिया गया है।

मनीष कश्यप को बुधवार को मदुरै जिला कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मनीष कश्यप और कई अन्य के खिलाफ तमिलनाडु में कथित तौर पर प्रवासी श्रमिकों पर हमले के फर्जी वीडियो फैलाने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं।

अधिवक्ता एपी सिंह के जरिए से शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में उसके खिलाफ दर्ज सभी FIRs को बिहार में दर्ज FIRs के साथ क्लब करने की मांग की है। मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस के सामने 18 मार्च को सरेंडर कर दिया था। उसे बाद में 27 मार्च को तमिलनाडु पुलिस के हवाले कर दिया गया। (PTI)