पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को सुरक्षा के लिए सतत खतरा करार देते हुए खुफिया ब्यूरो (आइबी) के निदेशक आसिफ इब्राहीम ने शनिवार को कहा कि इराक और सीरिया से युवकों का युद्ध में हिस्सा लेकर लौटना देश के लिए नई चुनौती है। इब्राहीम यहां खुफिया ब्यूरो की ओर से आयोजित राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों व केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के 49वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इराक और सीरिया की आतंकवादी हिंसा का जिक्र करते हुए आइबी प्रमुख ने कहा कि दोनों देश जिहादी हिंसा के नए खतरों के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों से युवकों का युद्ध में हिस्सा लेकर लौटना देश के लिए नई चुनौती है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में उच्च मतदान फीसद का जिक्र करते हुए इब्राहीम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है जबकि 2014 में घटनाओं में आंशिक वृद्धि हुई है। उच्च मतदान फीसद इस बात का संकेत है कि वहां के लोग आतंकवादी संगठनों को खारिज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को बिल्कुल चौकस रहना पड़ रहा है और अंदरूनी क्षेत्रों में आतंकवादी संगठनों से खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन ने नए आतंकी माड्यूल तैयार किए हैं। सीरिया और इराक के हालिया घटनाक्रमों से उन्हें और बल मिला है।
आइबी प्रमुख ने कहा कि सुरक्षाबलों के सतत दबाव के कारण सबसे हिंसक संगठन भाकपा (माओवादी) समस्याओं से घिर गया है। उनकी कमर तोड़ देने के लिए नई रणनीति बनाने का यह सही वक्त है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में कुछ उग्रवादी संगठनों के मुख्य धारा की राजनीति से दूर बने रहने के कारण सुरक्षा स्थिति नाजुक बनी हुई है। सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से आतंकवादी माड्यूलों में भर्ती के मुद्दे पर इब्राहीम ने कहा कि उनकी भर्ती इंटरनेट और सोशल मीडिया साइटों के जरिए की जाती है। सुरक्षा एजंसियों को ऐसी साइबर गतिविधियों को लेकर चौकस रहना होगा।