पारिवारिक विवाद में न्यायपालिका और सीनियर एडवोकेट पर आरोप जड़ने के मामले में आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी को सुप्रीम कोर्ट ने तीखी फटकार लगाई है। उनका माफीनामा लेकर अदालत में पहुंचे सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी जस्टिस एमआर शाह ने सीधी चेतावनी दी। जस्टिस का कहना था कि ललित मोदी को बता देना कि फिर से ऐसा करने की कोशिश भी न करे।

सिंघवी ने विनम्रता से कहा- माई लार्ड अगर ललित भारत में होते तो मैं खुद जाकर उनसे दोबारा ऐसी हरकत न करने को कहता। लेकिन वो तो देश में है ही नहीं। फिर भी मैं आपका संदेश जरूर पहुंचा दूंगा। अपनी बात कहने के बाद सिंघवी ने वो माफीनामा अदालत में पढ़ा जो ललित मोदी ने विदेश से अवमानना के केस में भेजा था।

ललित मोदी के खिलाफ बंद हुआ अवमानना केस, सुप्रीम कोर्ट बोला- दिल से मांगी माफी स्वीकार

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच से सिंघवी ने दरखास्त की कि ललित मोदी ने दिल से माफी मांगी है। लिहाजा कोर्ट उन्हें अब जाने दे। अवमानना के केस से उन्हें बरी करे। बेंच की टिप्पणी थी कि हम माफ करने में यकीन रखते हैं। ललित मोदी ने दिल से माफी मांगी है तो हम भी बड़े दिल के साथ इसे स्वीकार करते हैं। इसके साथ ही अदालत ने ललित मोदी के खिलाफ अवमानना के केस को बंद करने का ऐलान किया।

न्यायपालिका पर सवाल उठाने के साथ पूर्व अटार्नी जनरल पर जड़े थे तीखे आरोप

मामले के मुताबिक ललित मोदी ने पारिवारिक विवाद के मामले में न्यायपालिका पर तीखे आरोप लगाए थे। उन्होंने ट्विटर के जरिये अपनी मां बीना मोदी की तरफ से पैरवी करने वाले भारत के अटार्नी जनरल पर भी तीखे आरोप जड़े थे। उनकी पोस्ट का संज्ञान ले अदालत ने अवमानना का केस चलाया।

जस्टिस की सिंघवी को चेतावनी, ललित मोदी को बोल देना- फिर न करें ऐसी हरकत

सुप्रीम कोर्ट का गुस्सा देखकर ललित मोदी के तेवर ढीले पड़ गए। उन्होंने अखबारों में विज्ञापन के जरिये माफी मांगी और फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने माफी नामा भेजा। जस्टिस एमआर शाह ने सिंघवी को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी हरकत भविष्य में नहीं होनी चाहिए। सिंघवी ने उन्हें आश्वस्त किया कि ऐसा बिलकुल नहीं होगा। दूसरे पक्ष की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट रंजीत कुमार ने कहा कि अखबारों में जो विज्ञापन दिया गया है उसमें भविष्य में ललित मोदी फिर से ऐसी हरकत नहीं करेंगे, ये बात नहीं कही गई है।

जस्टिस शाह का कहना था कि हलफनामे में इस बात का जिक्र है। हमारे लिए जो कुछ हलफनामे में लिखा है वो महत्वपूर्ण है। बेंच ने कहा कि ललित मोदी ने ट्विटर के साथ अखबारों में भी माफी मांगी है। ट्विटर से भी वो पोस्ट हटा ली गई हैं जिनमें न्यायपालिका के बारे में आपत्तिजनकर टिप्पणी की गई थीं। बेंच का कहना था कि अब मामला खत्म हो गया है।