उत्तर प्रदेश में अब मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों को 15 दिन के अंदर मजदूरी न देने पर जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से हर्जाना वसूला जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार (24 दिसंबर) को हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बैठक में कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। उन्होंने यह भी बताया कि मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों को 15 दिन के अंदर मजदूरी देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर जिस स्तर पर विलम्ब हुआ, उससे सम्बन्धित राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के उत्तरदायी अधिकारियों के वेतन से हर्जाना वसूला जाएगा।

जिला मजिस्ट्रेट के निगरानी में होगी वसूलीः मामले में शर्मा ने बताया कि मंत्रिमंडल प्रतिदिन मजदूरी के आधे प्रतिशत के हिसाब से हर्जाना वसूला जाएगा। इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (विलम्बित मजदूरी संदाय हेतु प्रतिकर) नियमावली 2019’ लागू की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिला मजिस्ट्रेट अथवा जिला कार्यक्रम समन्वयक इस बात की निगरानी करेंगे कि मजदूरों को समय से मजदूरी दिलाने और देर की स्थिति में हर्जाना वसूली की जाए।

Hindi News Today, 25 December 2019 LIVE Updates: देश की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

कई क्षेत्रों में पेयजल की सुविधा मुहैयाः शर्मा ने बताया कि इस नियमावली के लागू होने से मनरेगा की मजदूरी की अदायगी में होने वाले देरी में कमी आएगी और इस योजना को बेहतर ढंग से चलाया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्य क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित ग्रामों में पेयजल के लिए परियोजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

शुद्ध पाइप पेयजल परियोजनाओं की शुरुआतः मामले में शर्मा ने बताया कि मंत्रिमण्डल ने बुंदेलखण्ड और विध्याचल के कुल नौ जिलों झांसी, बांदा, चित्रकूट, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन और महोबा तथा विंध्य के मिर्जापुर तथा सोनभद्र में पूरी आबादी तथा आर्सेनिक/फ्लोराइड एवं जापानी इंसेफ्लाइटिस (जे0ई0)/एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0) से ग्रस्त सभी गांवों को शुद्ध पाइप पेयजल परियोजनाओं से किया जाना है।

4 सलाहकार फर्मों का हुआ चयनः मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि परियोजना के ‘स्कोप आफ वर्क’ और ‘फिजीबिलिटी रिपोर्ट’ के आधार पर बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र के कुल नौ जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराए जाने के लिए चार सलाहकार फर्मों का चयन किया गया। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश विधान सभा एवं विधान परिषद के वर्तमान सत्र का अवसान तात्कालिक प्रभाव से कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

नगर पंचायतों के सीमाओं का विस्तारः मंत्रिमंडल की बैठक में शाहजहांपुर और आगरा नगर निगम हाथरस, जलालपुर और महराजगंज नगर पालिकाओं और मेंहदावल तथा आनंद नगर नगर पंचायतों का सीमा विस्तार करने के साथ-साथ सुल्तानपुर के लंभुआ, अलीगढ़ के मडराक कुशीनगर के तमकुही राज, आजमगढ़ के जहानागंज बाजार, जौनपुर के गौराबादशाहपुर, कानपुर देहात के कस्बा राजपुर, महाराजगंज के पनियरा और परतावल तथा लखनऊ के मोहनलालगंज को नगर पंचायत बनाने का निर्णय लिया गया है।

जर्जर भवनों को ढहाने के लिए फंड की मंजूरीः मंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि बैठक में लिए गए एक अन्य निर्णय के मुताबिक प्रदेश के एटा और हरदोई में जिन जिला चिकित्सालयों को उन्नत कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है, उनके जर्जर भवनों को ढहाने के लिए 96.55 लाख रुपए और 1.65 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।