अभी हाल ही यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक नई जनसंख्या नीति की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी के दो से ज्यादा बच्चे हुए तो उन्हें सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। इसको लेकर देश भर में बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इस विचार का समर्थन किया तो कई अन्य लोगों ने इसे व्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश की बात कही। मजहबी विचारकों ने भी इस पर अलग-अलग राय पेश की।

टेलीविजन चैनलों पर भी इसको लेकर लगातार चर्चाएं चल रही हैं। एबीपी न्यूज चैनल पर एंकर रोमाना इशार खान के साथ बातचीत में योग गुरु बाबा रामदेव ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, “बच्चे दो जरूर हों, दो से नीचे तो बेमानी होगी।” साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण भी जरूरी है। कहा “इसका आधार जागरूकता होनी चाहिए कि कानून होना चाहिए, इस पर मेरा विचार है कि दोनों होना चाहिए।” कहा कि खाली दोनों से बात नहीं बनेगी। एक तीसरा भी होना चाहिए, वह है शिक्षा, लोगों में एजूकेशन और लोगों में प्रासपरिटी भी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि, “भूख, गरीबी, अशिक्षा जहां ज्यादा है, वहां लोग ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। मैं इसको मजहबी तौर पर कभी नहीं देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि एक स्वस्थ दृष्टि के साथ इस पर संवाद होना चाहिए। पूरे देश में और सभी धार्मिक नेताओं, राजनेताओं, मीडिया के लोगों को सभी को एक स्वर से यह मानना चाहिए कि हमारी कोई जनसंख्या नीति होनी ही चाहिए। इसको इस रूप में देखना चाहिए कि समाज में शिक्षा का प्रसार हो, समृद्धि हो और लोगों की जरूरतें भी पूरी हों।”

उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा का प्रसार नहीं होगा तब तक समाज में जागरूकता नहीं आएगी। इसके लिए जरूरी है कि लोग जागरूक हों और उनको अपने परिवार के साथ-साथ समाज, देश की भी चिंता होनी चाहिए। इस पर धर्म और राजनीति की बात नहीं होनी चाहिए। इसको प्रबुद्ध वर्ग आपस में मिलजुलकर चर्चा कर सकता है।

बाबा रामदेव ने कहा कि अगले महीने होने जा रही कांवड़ यात्रा को प्रतीकात्मक रूप में करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कहा कि कोविड को देखते हुए और तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर ऐसी यात्राओं में थोड़ी संवेनशीलता जरूरी है।