पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के खुद को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अलग करने के बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है। पार्टी ने कहा है कि वह उनके सदस्य नहीं थे। बल्कि वह तो कांग्रेस पार्टी की कठपुतली थे। आपको बता दें कि शनिवार (21 अप्रैल) को सिन्हा ने बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया। बिहार की राजधानी पटना में उन्होंने अपने संगठन राष्ट्र मंच की बैठक आयोजित की। कहा, “आज मैं सभी प्रकार की दलगत राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं बीजेपी के साथ अपने सारे संबंधों को खत्म करता हूं।”

सिन्हा देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की कार्यशैली व नीतियों से वह बीते कुछ समय से खफा चल रहे थे। समय-दर-समय बीजेपी पर हमलावर भी होते रहते थे। कभी किसी सरकार की आलोचना करने वाला खुला खत लिख कर तो कभी पीएम पर इशारों-इशारों में हमला बोलकर। सिन्हा ने इसी के साथ कहा कि आज देश में लोकतंत्र पर खतरा मंडराने की स्थिति नजर आ रही है। हमें इस स्थिति पर मिलकर विचार-विमर्श करना है। सिन्हा ने यह ऐलान करने से पहले विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ बैठक की थी।

यशवंत सिन्हा ने छोड़ी बीजेपी, कहा- देश में आज लोकतंत्र पर मंडरा रहा खतरा

सिन्हा के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी नेता अनिल बलूनी ने अपनी राय दी। उन्होंने इस बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत की। बोले, “यशवंत सिन्हा ने औपचारिक रूप से बीजेपी को आज छोड़ दिया। हालांकि, उनका ताजा दृष्टिकोण और टीवी चैनलों पर दिए हुए इंटरव्यू यह दर्शाते हैं कि वह बीजेपी सदस्य नहीं, बल्कि कांग्रेस की कठपुतली थे। ऐसे में आज उन्होंने पार्टी छोड़ दी। लेकिन वे अपने मन में पार्टी को बहुत पहले ही छोड़ चुके थे”

सुनिए यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने के ऐलान के दौरान और क्या कहा था-

सिन्हा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। (फोटोः पीटीआई)

कौन हैं यशवंत सिन्हा: सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से सांसद रह चुके हैं। 1998 में लोकसभा से पहली बार चुने गए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री थे। तत्कालीन पीएम चंद्रशेखर की सरकार में भी वित्त मंत्री रहे। 1990-91 तक। वह इसी के साथ तीन बार लोकसभा सांसद और बीजेपी के कद्दावर नेता भी रहे, जबकि उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में मंत्री हैं।