साल 1993 के मुम्बई बम विस्फोट में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार ने याकूब मेमन को फांसी दिये जाने का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि भगोड़ा सरगना दाऊद इब्राहिम का भी यही हश्र होगा।

शहर के निवासी अशोक चतुर्वेदी की मुंबई में 12 मार्च 1993 में हुए विस्फोटों के बाद मौत हो गई थी। उनके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की प्रशंसा की है जिन्होंने श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के आरोपियों में से एक को मौत की सजा देकर उन्हें अंतत: न्याय प्रदान किया है।

अशोक चतुर्वेदी के छोटे भाई दीपक ने कहा, मेरा परिवार विशेष रूप से मेरी मां मेरे बड़े भाई अशोक चतुर्वेदी की मौत के बाद वस्तुत: टूट गईं। मेरे भाई 12 मार्च 1993 को एयर इंडिया इमारत के पास हुए विस्फोटों में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनका 17 मार्च 1993 को जसलोक अस्पताल में निधन हो गया था।

उन्होंने कहा कि यद्यपि यह दिन उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि उच्च न्यायालय ने मुख्य आरोपी मेमन की मौत की सजा की पुष्टि की। उन्होंने कहा, यह वस्तुत: देश के कानून की जीत है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि दाऊद को भी पकड़ा जाना चाहिए।