याकूब गया सो गया लेकिन उसके जाने के बाद जहां एक ओर न जान कितने लोगों की आये दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर एक के के बाद एक राज ऑपन होते जा रहे हैं। जैसे कि हाल ही खबर आई थी कि मुंबई हमलों का दोषी याकूब नहीं टाईगर था।

लेकिन अब चौकांने वाली ये भी आ रही है कि जिस जस्टिस दीपक मिश्रा ने याकूब मेमन की दया याचिका खारिज की थी उन्हें धमकी भरा खत भेजा गया है, जिसके चलते उनकी सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है।

धमकी भरा अज्ञात खत मिलने के बाद जस्टिस की सुरक्षा में पुलिस कमांडो लगाए गए हैं, इसके अलावा उनके घर और काफिले को जेड प्लस जैसी सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इस मामले में दिल्ली के तुगलकरोड थाने में केस दर्ज किया गया है।

आपको बता दें कि 30 जुलाई को याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद से ही जस्टिस दीपक मिश्रा और इस फैसले में साथ रहे उनके दो साथियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। ऐसा उनकी जान को होने वाले संभावित खतरे को देखकर किया गया था और अब उन्हें धमकी भरा खत मिला है।

जस्टिस मिश्रा समेत बाकी तीन जजों ने याकूब मेमन की फांसी रोकने की अपील याचिका को ठुकराते हुए आधी रात को चली सुनवाई में उनकी फांसी की सज़ा को बरकरार रखा था। गौरतलब है कि जस्टिस मिश्रा, अमिताभ रॉय और प्रफुल्ल पंत ने रात 3 बजे से लेकर सुबह पांच बजे इस मुद्दे पर सोच-विचार कर अपील को ठुकराने का फैसला सुनाया था।

इन जजों ने अपने फैसले में कहा कि मेमन के पास अपनी फांसी की सज़ा को रुकवाने का पर्याप्त समय और मौका दिया गया था और उन्होंने उनकी दी जाने वाली भी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर लिया था। मेमन को साल 2007 में, 1993 में हुए मुंबई हमले का मुख़्य दोषी करार दिया है, जिसमें करीब 257 लोगों की मौत हो गई थी।