किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार और इससे जुड़े कुछ लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में बंद कर दिए गए है। यह कार्रवाई खासतौर पर एक्स (Twitter) पर हुई है। इसे पत्रकारों की आजादी का हनन कह जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई सरकार की मंशा से यह अकाउंट बंद किए जा रहे हैं? अगर हां, तो ऐसा क्यों है और सरकार ऐसी कार्रवाई कब करती है?

किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर, बीकेयू के प्रवक्ता तेजवीर सिंह अंबाला (शहीद भगत सिंह), किसान नेता रमनदीप सिंह मान, बीकेयू क्रांतिकारी से सुरजीत सिंह फुल्ल, हरपाल संघा, हरियाणा से अशोक दनौदा जैसे किसान नेताओं के एक्स अकाउंट और फेसबुक पेज बंद किए गए हैं।

क्या है वजह?

किसान आंदोलन को प्रमुखता से कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया के सोशल मीडिया पेज ‘गांव सवेरा’ को भी भारत में बंद कर दिया गया है, उनके निजी पेज को भी बंद किया गया है। सवाल यह है कि इसके पीछे सरकार कैसे है? दरअसल जब भी किसी एक्स अकाउंट को बंद किया जाता है तो एक्स उसे मेल के जरिए संदेश भेजकर इसकी वजह बताता है। किसान आंदोलन से जुड़े जिन अकाउंटस को बंद किया गया है, उन्हें मेसेज आया है कि आपका अकाउंट लीगल डिमांड के रहते रोका गया है। किसानों का कहना है कि सरकार के इशारों पर यह सब किया जा रहा है ताकि आम लोगों तक किसानों की आवाज़ ना पहुंचे।

ऐसा पहली बार भी नहीं है कि भारत सरकार ने ट्विटर अकाउंटस पर प्रतिबंध लगाने के लिए इस तरह के कानूनी अनुरोध किए हैं। ट्विटर अपने आधिकारिक दिशानिर्देशों में कहता है कि यदि कोई देश\सरकार किसी अकाउंट को रोकने के लिए उचित कारणों से अनुरोध करता है तो ऐसी कार्रवाई की जाती है।

एक्स (Twitter) के मुताबिक ऐसा भी होता है कि अगर सरकार सही वजह ना दे तो सरकार के अनुरोध को टाला भी जा सकता है, लेकिन किसान आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि वह किसी भी तरह एक्स (Twitter) की गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं फिर भी यह कार्रवाई हो रही है। वह इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के खिलाफ बताते हैं जो नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित कई मौलिक अधिकार देता है। इसमें सोशल मीडिया पर खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करना भी शामिल है।

कब कर सकती है सरकार ऐसी कार्रवाई?

यदि नागरिक ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ हो और सुरक्षा में खतरा पैदा करती हो, या अनुच्छेद 19 (2) में उल्लिखित किसी भी खंड का उल्लंघन हो तो भारत सरकार को उचित कार्रवाई करने का अधिकार है, जिसमें ट्विटर खातों को रोकना भी शामिल है।

मोटे तौर पर केंद्र दो प्रावधानों के सोशल मीडिया अकाउंटस से जुड़े अनुरोध सरकार कर सकती है, एक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 69ए और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का नियम 16। आईटी नियमों के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी इमरजेंसी के हालात में कार्रवाई कर सकता है। अब किसान सवाल उठा रहे हैं कि किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकार मनदीप या दूसरे किसी अकाउंट ने ऐसा कौनसा उल्लंघन किया है कि उनके अकाउंट बंद किए गए हैं।