Farmers Protest: कृषि सेक्टर को डब्ल्यूटीओ समझौते से बाहर करने की मांग करते हुए किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर ट्रैक्टर रैलियां निकालीं और पुतले फूंके। सोमवार को डब्ल्यूटीओ क्विट डे के रूप में मनाया गया है। केवल एसकेएम ही नहीं, किसान यूनियनों किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व करते हुए गांवों में और हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी में डब्ल्यूटीओ के पुतले भी फूंके।
संयुक्त अरब अमीरात में डब्ल्यूटीए का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हो रहा है और यह 29 फरवरी तक जारी रहेगा। किसान नेताओं ने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ का मकसद कृषि को मिल रही सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म कर देने का है और अगर भारत ने इसका पालन किया, तो यह बेहद नुकसानदायक साबित होने वाला है। पश्चिमी यूपी में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ और डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
किसानों ने डब्ल्यूटीओ की नीतियों का किया विरोध
किसानों ने जालंधर-जम्मू नेशनल हाईवे पर समेत कई जगहों पर अपने ट्रैक्टर पार्क किए। दोआबा किसान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों ने टांडा के बिजली घर चौक पर भी अपने ट्रैक्टर सड़क पर खड़े कर दिए। चौहान ने डब्ल्यूटीओ की नीतियों की आलोचना की है और उन्हें किसान विरोधी बताया है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), बीकेयू (कादियान), बीकेयू (एकता उगराहां) जैसे कई दूसरे किसान संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया।
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के राज्य उपाध्यक्ष शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि सुरेवाला चौक, मय्यर टोल, चौधरीवास, बगला मोड़, बदोपट्टी और बास टोल समेत कई जगहों पर प्रदर्शन किए गए। उन्होंने यह भी दावा किया कि डब्ल्यूटीओ की नीतियों की वजह से सभी फसलों पर एमएसपी नहीं दे रही है। इस बीच, शुभकरण की मौत के पांच दिन बाद भी उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। वहीं, इस मामले पर जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि पंजाब सरकार किसानों के पक्ष में बोले। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के सीएम खुद को किसानों का दोस्त बता रहे हैं, इसलिए अब उन्हें कुछ कार्रवाई भी करनी चाहिए। उन्हें हरियाणा के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत में समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में केंद्र सरकार के दोबारा इंटरनेट शुरू करने के कदम की हम सराहना करते हैं। पंढेर ने कहा कि अब इंटरनेट पर बैन केवल शंभू और खनौरी के एक किमी के दायरे में है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को आगे की बातचीत से पहले काफी चीजों को सामान्य करने की जरूरत है।