Maharashtra News: महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद ने नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजनों को लेकर शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया कि लोगों को अंदर जाने से पहले तिलक लगाना होगा, रक्षा सूत्र बांधना होगा और हिंदू देवता की पूजा करनी होगी। इतना ही नहीं परिषद ने आयोजकों को सलाह दी कि वे पहचान के लिए एंट्री करने वालों का आधार कार्ड देखें।

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “गरबा महज एक नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने की पूजा का एक रूप है। केवल उन लोगों को ही इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, जो अनुष्ठानों में विश्वास रखते हैं।” उन्होंने कहा, “विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे। गरबा पूजा का एक रूप है, मनोरंजन नहीं।”

विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि यह सब इसलिए जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन आयोजनों में सिर्फ हिंदू ही शामिल हों और लव जिहाद का कोई मामला न हो, जिसका इस्तेमाल कुछ दक्षिणपंथी संगठन मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू लड़कियों और महिलाओं के धर्मांतरण के प्रयास का आरोप लगाने के लिए करते हैं।

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विश्व हिंदू परिषद के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस तरह के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना आयोजन समितियों के अधिकार में है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “हर एक आयोजन समिति कुछ नियम निर्धारित करती है और उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। जब तक उनके पास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पुलिस की इजाजत है, तब तक कोई समस्या नहीं है।”

देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश हो रही- संजय राउत

हालांकि, शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “सांप्रदायिक माहौल बनाना और इस देश को बचाना ही उनकी आजीविका है। मैं सभी धर्मों के लिए समान सम्मान की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन जिस तरह से यह जहर फैलाया जा रहा है, वह महाराष्ट्र या देश को शोभा नहीं देता।”

वीएचपी का जन्म देश को अस्थिर करने के इरादे से हुआ- वडेट्टीवार

इस मुद्दे पर बोलते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा, “वे (वीएचपी) समाज में आग लगाना चाहते हैं। वे धर्म के आधार पर समाज को बांटना चाहते हैं और इससे राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं। वीएचपी ने जो कहा है, वह कोई नई बात नहीं है। इस संगठन का जन्म ही देश को अस्थिर करने के इरादे से हुआ है।” वडेट्टीवार ने दावा किया कि विहिप जैसे संगठनों का ऐसा रुख भारत की विविधता में एकता की नींव को हिला देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के रुख को भी दर्शाता है।