प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में वर्ल्ड सूफी फोरम के उद्घाटन के मौके पर आतंकवाद, इस्लाम और सूफीवाद पर जोर दिया। उन्होंने सूफीवाद की तारीफ करते हुए कहा कि आतंकवाद से जूझ रही दुनिया के लिए यह शांति का जरिया बन सकता है। जानिए पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें-
अल्लाह के 99 नामों में किसी का मतलब बल और हिंसा नहीं है। अल्लाह रहमान और रहीम भी है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है। यह मानवता के लिए लड़ाई है।
जाे लोग धर्म के नाम पर हिंसा फैलाते हैं, वे धर्म विरोधी हैं।
सूफीवाद इस्लाम का चेहरा है। यह पवित्र कुरान और हदीस में गहरे तक समाया है।
सूफीज्म शांति की आवाज है। ये दुनिया में समानता की आवाज है।
जब मासूम आवाजों को बंदूक के दम पर दबाया जा रहा है तब सूफीज्म वो आवाज है जो लोगों को सहारा देती है।
सिर से लेकर पांव तक भारत शांति और सौहार्द्र का प्रतीक है। हिंदू, मुस्लिम सिख ईसाई जैन सभी इस देश का अभिन्न हिस्सा हैं।
आतंकवाद लोगों को बांटता है और बर्बादी लाता है। आतंकवाद और कट्टरवाद दोनों हमारे समय की सबसे विध्वंसक ताकतें हैं।
ऐसे समय में जब हिंसा का साया दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है तब आप ही उम्मीद का नूर हैं।
सूफीवाद शांति और सौहार्द्र की आवाज है।