प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में पाठकों को अतिथि देश सऊदी अरब का मंडप आकर्षित कर रहा है। काले रंग के टाईल से सजा सऊदी मंडप अपनी कला, संस्कृति व इतिहास के साथ साहित्य को प्रदर्शित कर रहा है। यहां सऊदी अरब की राजधानी रियाद, पर्वतीय स्थल जद्दा, अभा, ताएफ व हफूफ की संस्कृति देखने को मिल रही है। मंडप के अंदर बड़ी स्क्रीन पर सऊदी अरब की विशेषताओं को भी प्रदर्शित किया जा रहा है, जो दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है।

वाद्ययंत्रों, आभूषणों के साथ ही इतिहास और फिल्मों से बताई गईं खूबियां

सऊदी मंडप को चार भागों में बांटा गया है। जहां एक भाग में साहित्यिक रचनाओं को स्थान दिया गया है, वहीं दूसरे भाग में वाद्ययंत्रों, आभूषणों व आभूषण बनाने के दौरान प्रयोग में आने वाली मशीनरी, तीसरे में इतिहास व चौथे में फिल्म के माध्यम से सऊदी अरब की विशेषता को दर्शाया जा रहा है। यहां उनके लोकप्रिय वाद्ययंत्र तिरान को भी देखा जा सकता है।

देश की प्राचीन धरोहर, लिपी का भी किया जा रहा है प्रदर्शन

साथ ही तार वाद्ययंत्र औद, कनौउं व रबाबा है। रबाबा संगीत की सबसे प्राचीन धरोहर है। इसके अलावा यहां मुस्त्रद लिपि के साथ एक कांस्य पट्टिका प्रदर्शित की गई है जो तीसरी सदी ईसवी की है। साथ ही एक बलुआ पत्थर की मानवाकृति है जो चौथी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व की है और अल-कहफह गांव से प्राप्त हुई थी। रियाध के दक्षिण के अल-फाव गांव से मिले तीसरी शताब्दी ईसवी का कांस्य का तेल दीपक व मसनद लिपि में उत्कीर्ण एक आयताकार कांस्य पट्टिका है।

World Book Fair, Saudi Arab Stall in Book Fair, Display of Saudi Arabia's cultural heritage, Delhi
शनिवार, 10 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के उद्घाटन दिवस पर भारत में सऊदी अरब के राजदूत सालेह बिन ईद अल-हुसैनी और अन्य के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। (पीटीआई फोटो)

इस मंडप को सऊदी अरब के संस्कृति मंत्रालय ने तैयार किया है। इसके साथ ही यहां पारंपरिक नृत्य शाबी, जिसमें एक पंक्ति में 15-20 लोग घेरा बनाकर तलवार उठाकर नाचते हैं उसे प्रदर्शित किया जा रहा है। इस दौरान मेले में आए युवाओं ने अपना नाम भी कैलीग्राफी में अरबी भाषा में लिखवाया।

दूसरी ओर नई दिल्ली ‘राइट्स टेबल 2024’ के दसवें संस्करण का उद्घाटन हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि ‘द लंदन बुक फेयर’ के निदेशक ग्रैरथ रैप्ली, विशिष्ट अतिथि ‘बोलोग्ना चिल्ड्रंस बुक फेयर’ की निदेशक एलिना पसोली और ‘बोलोग्ना बुकप्लस’ के मेहमान निदेशक जैक्स थामस रहे। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने इस दौरान पुस्तक मेले को व्यापार के संभावित अवसरों में परिवर्तन लाने, आधुनिक तकनीक का लभ उठाने और व्यापार में विकास की गति को नए आयाम देने पर प्रकाश डाला। एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक ने प्रकाशन उद्योग में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की बात कही।

सदियों से एक रहा है भारत : मनमोहन वैद्य

विश्व पुस्तक मेले के तीसरे दिन वाणी प्रकाशन ग्रुप के ‘वाणी साहित्य घर उत्सव’ में मनमोहन वैद्य की किताब ‘वी एंड द वर्ल्ड अराउंड’ पर परिचर्चा हुई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह-कार्यवाहक मनमोहन वैद्य ने कहा कि पुस्तक में ‘वी’ का अर्थ है भारत। भारत की परंपरा में सभी के विचारों को सुना जाता है। भारत सदियों से एक रहा है। भारत के हर नागरिक के सहयोग से इसका विकास होगा। संघ के भविष्य पर वैद्य ने कहा कि संघ भारतीय संस्कृति के प्रति सदैव समर्पित रहा है। इसलिए आज युवा संघ से जुड़ने की इच्छा रखता है।

दूसरे सत्र में विजयराजामल्लिका की हिंदी में अनूदित किताब ‘मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है’ के लोकार्पण में किंशुक गुप्ता ने कहा कि पुस्तक में बहुत ज़बरदस्त प्रतिरोध की कविताएं हैं। तीसरे सत्र में सुनील कुमार शर्मा की किताबों का लोकार्पण व परिचर्चा हुई। चौथे सत्र में श्रीप्रकाश शुक्ल की किताब ‘रेत में आकृतियां’ पर परिचर्चा हुई। पांचवें सत्र में चिन्मयी त्रिपाठी की किताब ‘अपनी कही’ पर वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी ने संवाद किया।

उद्भ्रांत की किताबों का लोकार्पण

विश्व पुस्तक मेले में वनिका प्रकाशन के स्टाल पर उद्भ्रांत की पुस्तक ‘उद्भ्रांत का बाल साहित्य’ का लोकार्पण दिनेश कुमार माली, शांतनु और नीरज शर्मा ने किया। पेंग्विन रेंडम हाउस के स्टाल पर उद्भ्रांत के महाकाव्य ‘त्रेता’ का लोकार्पण करते हुए वैशाली माथुर ने कहा कि रामकथा को स्त्री चरित्रों के माध्यम से आधुनिक संदर्भों में ‘त्रेता’ नामक महाकाव्य में पिरोना उद्भ्रांत की कलम की ताकत को दर्शाता है। यह पुस्तक संग्रहणीय है।