केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन के विरुद्ध अनपेक्षित रूप से आवाज उठाने और उनके खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत करने वाली वरिष्ठ आयकर अधिकारी अल्का त्यागी को पदोन्नत कर विशेष सचिव स्तर का पद दिया गया है। सीबीडीटी के तीन अक्टूबर के आधिकारिक आदेश के अनुसार मुंबई में मुख्य आयकर आयुक्त (इकाई-दो) त्यागी को सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के पद पर पदोन्नत किया जाता है। उन्हें 2.25 लाख रुपये वेतन मैट्रिक्स (श्रेणी) के 17वें स्तर के तहत रखा गया है।

त्यागी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सीबीडीटी के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। त्यागी का एक आरोप यह भी था कि उनके खिलाफ सतर्कता विभाग की जांच के एक पुराने मामले को मोदी उनकी पदोन्नति रोकने और उन्हें ‘ब्लैकमेल’ करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि यह जांच कब की बंद हो चुकी है। वैसे उस जांच को खत्म करने का आदेश मोदी ने ही पारित किया था।

1984 बैच की आईआरएस अधिकारी त्यागी ने आरोप लगाया है कि एक पुराने विजिलेंस केस के जरिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। उनके मुताबिक, मोदी ने खुद इस केस का निस्तारण कर दिया और उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी लेकिन बाद में इसे फिर खोला गया और इसे ‘ब्लैकमेलिंग के हथियार’ के तौर पर उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया।

सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि त्यागी ने ऐसी ही शिकायत पीएमओ, सेंट्रल विजिलेंस कमिशन और कैबिनेट सेक्रेटरी को भी भेजी है। इस संबंध में एक रिपोर्ट रविवार को इंडियन एक्सप्रेस में छपी थी। आदेश में कहा गया है कि पदोन्नति के बाद उनकी नियुक्ति नागपुर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी में प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रशिक्षण) के तौर पर की गयी है।