राजस्थान में गांवों के विकास की योजनाओं में महिलाओं को भागीदार बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। राज्य में पहली बार 15 से 30 जून तक सभी ग्राम पंचायतों में महिला सभा का आयोजन होगा। इसमें महिलाएं अपने गांव के विकास की योजना का खाका तैयार करेंगी। प्रदेश में रविवार को सभी पंचायतों में आम सभाओं का आयोजन कर इलाके के विकास पर ग्रामीणों ने अपनी राय रखेंगी।

राज्य में विकास कामों में महिलाओं को भागीदार बनाने की अभिनव योजना को मूर्त रूप दे दिया गया है। इसके तहत सरकार ने नया प्रयोग कर अब महिलाओं को जमीनी स्तर पर भी जोड़ने का फैसला किया है। पंचायतराज मंत्री सुरेंद्र गोयल ने यहां कहा कि पंचायतों में जून में अलग से महिला सभाओं का आयोजन होगा। इसमें महिलाओं से ग्राम विकास से जुडे सुझाव लिए जाएंगे। प्रदेश मे ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने के लिए अभी महिला समूह और सामाजिक संगठनकर्ता चुने जा रहे हैं। इनके निर्देशों के हिसाब से ही ग्राम पंचायतों में 15 से 30 जून के बीच एक दिन की महिला सभाओं का आयोजन होगा। सरकार की तरफ से जिला और तहसील स्तर के अफसरों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सरकार विकेंद्रित जिला वार्षिक योजना के तहत कई कदम उठा रही है। इसके लिए सभी वर्गो को भागीदार बनाने की कोशिशें शुरू कर दी गई है।

पंचायतराज विभाग का कहना है कि पंचायतों में अब अन्य विभागों से जुडी जरूरतें भी सामने आएंगी। महिला सभाओं और संगठनकर्ताओं की भूमिका इसमें अहम हो जाएगी। पंचायतों के सामने आने वाली अन्य विभागों की समस्याओं और जरूरतों का आकलन पंचायत की आम बैठकों में हो जाएगा। महिलाओं के सामने सबसे ज्यादा शिक्षा और चिकित्सा विभाग से जुड़ी समस्या आती है। इसमें गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों की देखभाल, स्कूल से वंचित बच्चे, घर-गलियों की गंदगी और सफाई जैसी समस्याएं भी महिला सभाओं में सुनी जाएगी।

इसके बाद राज्य सरकार के स्तर पर इनके समाधान के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे। सरकार ने इस बार जिला स्तर की योजनाओं का खाका ग्राम पंचायत और महिला सभाओं के सुझावों के आधार पर तैयार करने का फैसला किया है। पंचायत स्तर से आने वाली योजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह से परीक्षण किया जाएगा। महिला सभा के सुझावों पर अमल के लिए सरकार ने अफसरों को विशेष निर्देश भी जारी किए हैं।