हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ कहासुनी के बाद फतेहाबाद जिले की पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया का शनिवार को तबादला करने का फरमान जारी किया गया। पिछले दो महीने में इस तरह अचानक स्थानांतरित की जाने वाली वे दूसरी महिला आइपीएस अधिकारी बन गई हैं। इसे लेकर विज के खिलाफ विपक्ष ने और सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि 2010 बैच की महिला आइपीएस अधिकारी और दो अन्य अधिकारियों का राज्य सरकार ने तबादला किया है। कालिया को मानेसर में चतुर्थ आइआरबी के कमांडेंट के तौर पर पदस्थापित किया गया है और विकास धनकड़ को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। जिला शिकायत व जनसंपर्क समिति की बैठक में गर्मागरम बहस के बाद वहां से चले जाने के उनके आदेश का पुलिस अधिकारी के पालन नहीं करने के बाद मंत्री गुरुवार को बैठक से बाहर चले गए थे। उनके बीच कहासुनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

बैठक के दौरान एक एनजीओ ने विज के संज्ञान में लाया कि रतिया इलाके में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। रतिया की सीमा पंजाब से लगी है। विज अपनी मुखर प्रकृति और अपनी सरकार से भी भिड़ने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ड्रग माफिया और शराब माफिया के सक्रिय होने के बारे में शिकायतें मिल रही थीं।

विज ने कहा, ‘शुक्रवार को एक एनजीओ ने पुलिस से शिकायत की लेकिन वह (कालिया) एनजीओ पर ही बरस पड़ीं। उन्होंने कहा कि आप मंत्री से क्यों शिकायत कर रहे हैं जो अपने आप दर्शाता है कि वे सहयोग नहीं कर रही थीं’।
विज ने कहा, ‘मीडिया के सामने महिला अधिकारी ने सारा ठीकरा सरकार पर फोड़ दिया कि सरकार अवैध शराब की बिक्री में शामिल है। मैंने मुख्यमंत्री से बातचीत की है। एक बात मैं साफ कर देना चाहता हूं कि अक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी’।

इसके बाद अपने ट्वीट में विज ने कहा कि वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं और प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से पीड़ित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए बलिदान भी देने को तैयार हैं। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली और कई लोगों ने कालिया का समर्थन किया है। लोगों ने कहा कि जिस तरीके से मंत्री ने अधिकारी के साथ सलूक किया उसमें उन्हें संयम बरतना चाहिए था। उन्हें समिति के सदस्यों के सामने अधिकारी से बाहर चले जाने को नहीं कहना चाहिए था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को करनाल में कहा कि उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और इससे उचित तरीके से निपटा जाएगा। इस घटना को लेकर विभिन्न हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। विपक्ष ने महिला अधिकारी पर विज की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की है।

पिछले महीने, 1998 बैच की एक अन्य महिला आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को स्थानांतरित करके संयुक्त पुलिस आयुक्त यातायात के पद पर तैनात किया गया था। उनकी गुड़गांव के पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क के साथ कहासुनी हो गई थी। भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया था। अरोड़ा ने विर्क पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नियम के खिलाफ जाकर बलात्कार मामले के एक पीड़ित की मदद की थी जिसके बाद दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चला था।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मंत्री को महिला अधिकारी के साथ बातचीत करने के दौरान शिष्टाचार का पालन करना चाहिए था और उन्होंने महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ उनके बर्ताव की निंदा की। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि मंत्री ने अशिष्ट तरीके से बर्ताव किया। आप महिला के साथ इस तरीके से बर्ताव नहीं कर सकते भले ही वह अधिकारी हो या नहीं हो। कुछ शिष्टाचार का पालन होना चाहिए।

पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘यह भाजपा के अहंकार को दर्शाता है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि इस तरह की चीजों को खत्म नहीं किया जाता’। पार्टी के एक अन्य नेता शकील अहमद ने कहा, ‘यह बिना जांच की सजा है। हरियाणा सरकार ने ब्योरा हासिल किए बिना और बिना किसी जांच के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है’।
सोशल मीडिया पर लोगों ने विज की उनके ट्वीट के लिए आलोचना की है।

एक ट्वीट में कहा गया है, ‘फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक ईमानदार अधिकारी हैं, जो उनके संज्ञान में आने वाले किसी भी अवैध कार्य को रोकती हैं। आपको (विज) गलत लोग दिग्भ्रमित कर रहे हैं। आप जैसे नेता से मुझे यह उम्मीद नहीं थी’। उस व्यक्ति ने अपने ट्वीट में कहा, ‘वे ईमानदारी से काम कर रही हैं और उनके कार्यकाल के दौरान अपराध का ग्राफ नीचे आया है’। एक अन्य ट्वीट में मंत्री को याद दिलाया गया कि वे ‘संवैधानिक पद’ धारण करते हैं। व्यक्ति ने अपने ट्वीट में कहा, ‘आपको ऐसा नहीं बोलना चाहिए था (एसपी से बाहर जाने को)’।

विज और कालिया के बीच टकराव जिला शिकायत व जनसंपर्क कमेटी की शुक्रवार को फतेहाबाद में बैठक के दौरान हुआ था। बैठक में मंत्री ने कालिया से गांवों में अवैध तरीके से शराब की बिक्री से संबंधित शिकायत के बारे में पूछा था। बैठक में उपायुक्त एनके सोलंकी भी मौजूद थे। विज ने पुलिस अधीक्षक से पूछा कि गांवों में खुली विभिन्न शराब की दुकानों के संबंध में पुलिस क्या कर रही है।

अधिकारी ने इस संबंध में पुलिस की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करते हुए उल्लेख किया कि पिछले दस महीनों में उत्पाद शुल्क अधिनियम के तहत 2500 मामले दर्ज किए गए हैं जो रिकॉर्ड है। मंत्री हालांकि पुलिस अधीक्षक के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। दोनों के बीच कहासुनी होती रही और गुस्से में मंत्री ने पुलिस अधीक्षक से बैठक से बाहर चले जाने को कहा। महिला अधिकारी ने हालांकि बैठक से जाने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि वे गलत नहीं है और उसने मंत्री के तरीके पर भी आपत्ति जताई। मंत्री उसके बाद बैठक से चले गए। भाजपा के सारे कार्यकर्ता और समिति के सदस्य भी उसके बाद बाहर चले गए। अधिकारी ने घटना पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सब कुछ मीडिया के सामने हुआ और वे मामले में और कुछ नहीं जोड़ना चाहेंगी।