देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका दौरे पर है। राजनाथ सिंह आज अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर के दौरे पर थे जहां उन्होंने भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के रूप में विश्व स्तर पर उभरा है और दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के पथ पर अग्रसर है। इस दौरान उन्होंने विदेशी धरती से चीन को भी सख्त संदेश दिया।

भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए और चीन को चेतावनी देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, “मैं खुलकर नहीं कह सकता कि उन्होंने (भारतीय सैनिकों) क्या किया और हमने (भारत सरकार) क्या फैसले लिए। लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि (चीन को) एक संदेश गया है कि अगर भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं। भारत की छवि बदल गई है। भारत का मान बढ़ा है।”

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के दौरान अमेरिका को भी रूस के साथ रिश्तों को लेकर संदेश दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि, “अगर भारत का एक देश के साथ अच्छा संबंध है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे। भारत ने इस तरह की कूटनीति कभी नहीं अपनाई है और न ही भारत इस तरह की कूटनीति कभी अपनाएगा। हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जीरो-सम गेम में विश्वास नहीं करते हैं।”

मई 2020 से भारत और चीन की सेना के बीच लद्दाख में गतिरोध शुरू हुआ और 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए और 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए। हालांकि चाइना ने कभी भी चीनी सैनिकों के मारे जाने के आधिकारिक आंकड़ों की पुष्टि नहीं की। लेकिन अनुमान यह जताया गया था कि 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।

रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका द्वारा नाराजगी जताने पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अगर आपको रूस से भारत की ऊर्जा खरीद की चिंता है तो आपको यूरोप पर ध्यान देना चाहिए। आप आंकड़े देख लीजिए, जितना तेल हम रूस से पूरे महीने में नहीं खरीदते हैं, उतना यूरोप आधे दिन में खरीद लेता है।