मोदी सरकार के तीसरे टर्म में राजनाथ सिंह दूसरी बार रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि इस कार्यकाल में उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में चीन के साथ जारी गतिरोध और जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियां बड़े मुद्दे होंगे। उनके कामों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर अग्निपथ योजना की समीक्षा भी शामिल होगी।
चुनाव के दौरान लगातार यह मुद्दा उठता रहा था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बीजेपी को हुए सीटों के नुकसान में अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे भी फैक्टर थे। विपक्ष लगातार इस योजना की समीक्षा करने के लिए सरकार पर दबाव भी बनाता रहा है।
फीडबैक का प्रोसेस पहले से ही जारी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सशस्त्र बलों से फीडबैक जमा करने का प्रोसेस पहले से ही चल रहा है और राजनाथ सिंह ने पहले ही कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर इस योजना की समीक्षा की जाएगी। सेना से मिले फीडबैक और सिफारिशों के आधार पर इस योजना में कुछ बदलाव किए जाने की संभावना है।
राजनाथ सिंह की प्राथमिकताएं
बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों रक्षा सेवाओं के बीच बेहतर जुड़ाव और इसके लिए थिएटर कमांड का निर्माण करना अपनी लिस्ट में रखेंगे। यह एक महत्वपूर्ण रक्षा सुधार है, जो रक्षा मंत्रालय के लिए महत्वपूर्ण है।
रक्षा मंत्रालय की अन्य प्रमुख प्राथमिकताओं में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के रहते लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल-LAC पर भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना। सीमा तैनाती को बेहतर और मजबूत बनाना। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) का कायापलट भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजयराघवन की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने DRDO को नया रूप देने के लिए कई सुधारों का सुझाव दिया था और यह सरकार के लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकता होने की संभावना है।
