सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी शख्स को ICU में भर्ती होने के दौरान हथकड़ी लगाने और उसे बेड पर एक चेन से बांधने के मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने इस संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन माना है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक ठुकराल से भी जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने पूछा की हलफनामे में दर्ज है कि ICU में भर्ती होने के दौरान आरोपी को हथकड़ी लगाई गई। इसे कैसे सही ठहराया जा सकता है? कोर्ट ने एएजी ठुकराल से यह भी बताने को कहा है कि इस हरकत के लिए कौन सा अधिकारी जिम्मेदार था। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई की जा रही थी जिसमें पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट से मामला खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रहा गया कि वह पीजीआई रोहतक के ICU में भर्ती था, तब उसे धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में हथकड़ी लगाई गई थी और उसे चेन से भी बेड से बांधकर रखा गया।
कोर्ट ने अस्पताल से मांगा जवाब
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्तूबर को पीजीआई रोहतक के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। अस्पताल की की 19 अक्टूबर को सौंपे अपने हलफनामे में मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने ICU में हथकड़ी लगाए जाने की पुष्टि की है। इस हलफनामे को देखते हुए जस्टिस ओका ने कहा कि यह तो संविधान के अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन है। कोर्ट ने एएजी से पूछा कि इस तरह की हरकतों को कैसे उचित ठहराया जा सकता है और यह जानने की मांग की कि इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है।
हरियाणा सरकार ने सफाई में क्या कहा
हरियाणा सरकार की ओर से इस मामले में सफाई दी गई। कोर्ट में दीपक ठुकराल ने कहा कि जब आरोपी को पेशाब के लिए बाथरूम जाना था तब उसकी हथकड़ी हटा दी गई थी। हथकड़ी का इस्तेमाल कुछ ही समय के लिए किया गया था। अस्पताल से यह भी जानकारी ली जा रही है कि तब वहां कौन अधिकारी मौजूद था। याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि आरोपी को पूरी रात बिस्तर पर जंजीर से बांध कर रखा गया था।