No Voters Turn Out in Six Districts Of Nagaland: लोकसभा इलेक्शन 2024 के रण की शुरुआत हो चुकी है। शुक्रवार को पहले फेज में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोट डाले गए। इन तमाम सीटों पर मिलाकर लगभग 60 फीसदी वोटिंग हुई। हालांकि, नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदानकर्मी बूथों पर करीब 9 घंटे तक इंतजार करते रहे लेकिन इन क्षेत्र के चार लाख वोटर्स में से किसी एक वोटर ने वोट नहीं डाला। अब सवाल उठता है कि क्यों एक भी वोटर ने इलेक्शन में वोट नहीं डाला।
नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट पर शुक्रवार को वोटिंग हुई। यहां पर वोटिंग प्रतिशत कुल 57 फीसदी ही रहा। वहीं, पिछले लोकसभा इलेक्शन में करीब 83 फीसदी वोटिंग हुई थी। यानी कि वोटिंग परसेंट में कुल 26 फीसदी की गिरावट देखी गई है। बता दें कि नगालैंड के पूर्वी भाग में बसे 6 जिले जिनमें मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर शामिल है। इनमें करीब 4 लाख वोटर हैं लेकिन उनमें से एक ने भी वोट नहीं डाला।
ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) और कई आदिवासी संगठनों ने चुनाव के बहिष्कार और बंद का आह्वान किया था जिसको यहां के लोगों ने फॉलो किया है। संगठन ने यह भी आगाह किया कि अगर कोई भी व्यक्ति वोटिंग करने के लिए जाता है और कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित वोटर की ही होगी। इसी वजह से चार लाख वोटर्स में से किसी एक ने मतदान करने के लिए घर से बाहर कदम नहीं निकाला।
ईएनपीओ की मांग क्या है
ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) पूर्वी नगालैंड में आदिवासियों की सबसे बड़ी बॉडी है। ENPO पूर्वी नागालैंड को नागालैंड से अलग होकर एक अलग राज्य- फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र की मांग कर रहा है। ENPO 2010 से ही एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि नगालैंड के पूर्वी हिस्से में छह जिलों मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर को कई सालों तक आर्थिक और सामाजिक रूप से उपेक्षित किया गया है।
हालांकि, मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही एक स्वायत्त निकाय की सिफारिश कर चुकी है ताकि इस क्षेत्र को राज्य के बाकी हिस्सों के बराबर पर्याप्त आर्थिक पैकेज मिल सके। जब एक स्वायत्त निकाय बनाया जाता है, तो निर्वाचित सदस्यों के साथ एक उचित प्रणाली होनी चाहिए। राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। विधायकों और ईएनपीओ को एक सूत्र पर काम करने के लिए मेज पर बैठना चाहिए। इसके बाद ही हम बात कर सकते हैं।
चुनाव के बहिष्कार पर इलेक्शन कमीशन ने क्या एक्शन लिया?
नगालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वायसन आर ने बदं को इलेक्शन के दौरान अनुचित प्रभाव डालने की कोशिश में देखते हुए ईएनपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने आईपीसी की धारा 171सी की उपधारा (1) के तहत कहा कि कोई भी स्वेच्छा से किसी चुनावी अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने की कोशिश करता है तो वह इलेक्शन में असर डालने का अपराध करता है। नोटिस का जवाब देते हुए ENPO ने साफ किया कि उसने पहले ही लोकसभा इलेक्शन 2024 में हिस्सा लेने से दूर रहने के अपने इरादे के बारे में चुनाव आयोग को सूचना दे दी थी।