प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को बिहार में पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। दरभंगा एयरपोर्ट की तरह ही पूर्णिया एयरपोर्ट को भी पोर्टा केबिन से तैयार किया गया है जबकि पिछले वक्त में बने पटना और गया एयरपोर्ट कंक्रीट से तैयार किए गए थे।
पूर्णिया का एयरपोर्ट सीमांचल में कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। इससे पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार और भागलपुर के साथ ही पश्चिम बंगाल के मालदा और उसके आसपास के इलाके और नेपाल के बिराटनगर, इटहरी, झापा और मोरंग के रहने वाले लोगों को भी फायदा मिलेगा।
यह एयरपोर्ट Ude Desh Ka Aam Nagrik (UDAN) योजना के तहत बनाया गया है। पूर्णिया शहर से लगभग 10 किमी दूर यह हवाई अड्डा भारतीय वायु सेना के चूनापुर एयरबेस पर स्थित है।
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जमीन अधिग्रहण को लेकर अड़चन
2015 में पूर्णिया एयरपोर्ट के बारे में ऐलान किया गया लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी अड़चनें आई। किसानों के विरोध और मुआवजे को लेकर विवाद हुआ और इसने एयरपोर्ट के काम को धीमा कर दिया। इसी वजह से पोर्टा केबिन का सहारा लिया गया ताकि एयरपोर्ट के काम में और देरी न हो।
ऐसे में जानना जरूरी होगा कि यह पोर्टा केबिन क्या होते हैं और बिहार में बन रहे एयरपोर्ट्स में इनका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?
पोर्टा केबिन क्या होते हैं?
पोर्टा कैबिन मॉड्यूलर स्ट्रक्चर होते हैं, जो स्टील या PUF (polyurethane foam) से फैक्ट्री में बनाए जाते हैं और इंस्टालेशन के लिए इन्हें दूसरी जगहों पर ले जाया जाता है। कई एयरपोर्ट जैसे- शिरडी (महाराष्ट्र), कलबुर्गी (कर्नाटक), हुबली (कर्नाटक) और चित्रकूट (यूपी) शुरुआत में इस तरह के पोर्टा केबिन जैसे ढांचों से ही शुरू हुए हैं।
पोर्टा केबिन एयरपोर्ट टर्मिनल को कुछ हफ्तों में तैयार किया जा सकता है। पोर्टा केबिन कुछ वक्त के लिए ही काम के होते हैं और जब तक स्थाई टर्मिनल नहीं बन जाता तब तक यह एक वैकल्पिक हल देते हैं। इन्हें लंबे समय तक नहीं चलाया जा सकता। इनमें जगह और सुविधाओं की कमी होती है। जैसे इनमें बिजनेस लाउंज, बड़े स्टोर या एस्केलेटर नहीं होते। इनका लुक भी आधुनिक एयरपोर्ट जैसा नहीं होता।
500 करोड़ से बनेगा स्थाई टर्मिनल
पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए यह योजना बनाई गई है कि 500 करोड़ रुपये की लागत से यहां एक स्थाई टर्मिनल बनाया जाएगा। इसमें एप्रन स्पेस, एयरोब्रिज और कार्गो सुविधाएं होंगी जिससे भविष्य में लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।