Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन की तैयारियां जोरों पर हैं। दोनों गठबंधनों की तरफ से चुनाव में जीत का दावा किया जा रहा है लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि अगले साल होने वाले चुनाव से पहले कई सियासी दल पाला बदल सकते हैं। ऐसे ही कयास बीते बुधवार को एकबार फिर से तब शुरू हो गए, जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने ‘सदैव अटल’ पहुंचे।
नीतीश कुमार का कहना है कि वो अपनी आंख का चेकअप करवाने के लिए राजधानी नई दिल्ली आए थे लेकिन पटना में जेडीयू के एक सूत्र ने बताया कि सीएम की ट्रिप पूरी तरह से प्लान नहीं थी। उन्होंने बताया कि कुछ नेताओं से अंतिम समय में मुलाकात का समय लेने की कोशिश की गई, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यात्रा का समय सही नहीं था क्योंकि राहुल गांधी भी उपलब्ध नहीं थे। कोई भी आसानी से अनुमान लगा सकता है कि मुंबई बैठक से पहले सीएम की दिल्ली यात्रा का महत्व है।
I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक क्यों विशेष
इंडिया गठबंधन की अगली मीटिंग में 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में प्रस्तावित है। इस मीटिंग में 2024 चुनाव के लिए सियासी एजेंडा तय करने के अलावा गठबंधन के पदाधिकारियों के भी चयन की संभावना है।
नई दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का उनसे विशेष लगाव था। उन्होंने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी पीएम बनेंगी, यह भविष्यवाणी करने वालों में मैं भी था। मेरे लिए उनका विशेष स्नेह था। 1999 में उनके समय में ही एनडीए का गठन हुआ था। अटल जी के प्रति अत्यंत सम्मान के वजह से मैंने उनके स्मारक का दौरा किया।”
क्या दबाब डालने की राजनीति कर रहे नीतीश कुमार?
नीतीश कुमार की यात्रा पर बिहार कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक पर जाकर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस राजद की तरह उनके झांसे में आने वाली नहीं है। नीतीश इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, उन्हें भ्रम पैदा करने वाले सिग्नल देने के बजाय इंडिया गठबंधन पर फोकस करना चाहिए।
जेडीयू का क्या है मानना?
जेडीयू सूत्रों ने बताया कि इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली मीटिंग विशेष होगी। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में विशेष रोल दिया जाता है तो यह आगे बढ़ने का सही तरीका होगा क्योंकि उन्होंने ही विपक्षी दलों को साथ लाने के प्रयास की शुरुआत की थी। बुधवार को दिल्ली में नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी यात्रा का कोई सियासी मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। एनडीए पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक तब हुई जब इंडिया गठबंधन का गठन हो गया। उन्होंने पूछा कि इंडिया गठबंधन के गठन से पहले एनडीए कहां था?