छत्‍तीसगढ़ के पहले मुख्‍यमंत्री अजीत जोगी आज अगर कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने की धमकी दे रहे हैं, तो इसकी वजह सिर्फ राजनैतिक संजीवनी पाना भर नहीं है। अजीत के सामने खुद की राजनैतिक पहचान बनाए रखने का बड़ा संकट है। राज्‍य में पार्टी की हालत पहले से ही खराब है, ऐसे में अजीत जोगी को कांग्रेस में रहने का कोई फायदा होता नहीं दिख रहा। पार्टी ने उनके बेटे अमित जोगी को 6 साल के लिए निलम्बित कर रखा है। इसलिए अपने और बेटे के डूबते राजनैतिक कॅरियर को बचाने के लिए जोगी ने अलग पार्टी बनाने की धमकी का दांव चला है।

अजीत एक आईएएस अफसर हुआ करते थे, 1980 में उन्‍हें राजीव गांधी राजनीति में लेकर आए। जोगी उन गिने-चुने मुख्‍यमंत्रियों में से हैं जिन्‍हें सोनिया गांधी ने कांग्रेस का अध्‍यक्ष पद संभालने के बाद सीएम बनाया था। अजीत 2000 में छत्‍तीसगढ़ के अलग राज्‍य बनने के बाद राज्‍य के पहले सीएम बने थे।

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कांग्रेस और अजीत जोगी, छत्‍तीसगढ़ में दोनों ही एक-दूसरे पर निर्भर हैं। 2003 में जब भाजपा ने एक ऑडियो टेप जारी किया। बीजेपी का दावा था कि अजीत जोगी ने भाजपा विधायक को कांग्रेस के समर्थन से वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए रुपयों की पेशकश की थी। टेप में सोनिया गांधी का भी जिक्र था। जोगी ने कथित तौर पर बीजेपी नेताओं से कहा था कि उन्‍हें बीजेपी को तोड़ने के लिए सोनिया गांधी ने आदेश दिया है। टेप सामने आने के बाद जोगी पार्टी से सस्‍पेंड तो हुए, मगर तीन महीनों के भीतर ही उनकी वापसी भी हो गई।

12 साल बाद, 2015 में, इस दिग्‍गज कांग्रेसी नेता को फिर से वैसे ही संकट से गुजरना पड़ा। The Indian Express द्वारा जारी किए गए ऑडियो टेप में यह खुलासा हुआ कि अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्‍मीदवार के आखिरी समय में नाम वापस लेने में अजीत और उनके बेटे अमित जोगी का हाथ था। इसी टेप के सामने आने के बाद जनवरी 2016 में अ‍मित जोगी को कांग्रेस से 6 साल के लिए निलम्बित किया गया था।

यहां सुनें अजीत जोगी का ऑडियो टेप

इसी मामले में जोगी को पार्टी से निकालने के लिए छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस ने हाईकमान से सिफारिश की है, लेकिन पार्टी इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं कर पाई है। चूंकि अजीत छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस की कार्यसमिति के सदस्‍य हैं, इसलिए राज्‍य इकाई उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।

अमित जोगी के निलंबन के बाद उन्‍हें पार्टी में वापस लाने की कोई कोशिश नहीं हुई। यह इस बात का इशारा है कि कांग्रेस भीतर ही भीतर जोगी से छुटकारा पाना चाहती हैं। जोगी भी इस बात को बखूबी समझते हैं इसलिए अपना और अपने बेटे का राजनैतिक कॅरियर डूबने से बचाने के लिए वह अप्रत्‍याशित कदम उठाने को भी तैयार नजर आते हैं।