कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी की सदस्यता लेने के साथ ही अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को भगवा दल में विलय करा दिया। उनके साथ बीजेपी जॉइन करने वाले परिवार के अन्य सदस्यों में बेटा रंधीर सिंह, बेटी जय इंदर कौर और पोता निर्वान सिंह शामिल हैं। लेकिन पटियाला की सांसद और उनकी पत्नी परनीत कौर ने कांग्रेस से इस्तीफा देने में रुचि नहीं दिखाई।

कैप्टन अमरिंदर सिंह से जब पूछा गया कि परनीत कौर उनके साथ बीजेपी में क्यों नहीं आईं तो 81 साल के नेता जवाब था कि जरूरी नहीं कि पति जहां जाए पत्नी भी उसका अनुशरण करे। मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। हालांकि बीजेपी के एक नेता ने बताया कि परनीत ने कांग्रेस क्यों नहीं छोड़ी। उनका कहना था कि अगर वो सांसदी से इस्तीफा देती हैं तो उप चुनाव होगा और आप को इसमें फायदा मिल सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस भी उनसे इस्तीफा नहीं मांग रही है। दोनों चुप हैं।

उधर, उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारग्रेट अल्वा ने ट्वीट कर कैप्टन पर निशाना साधा। उनका कहना था कि पंजाब के पूर्व सीएम की तुलना में उनकी पत्नी समझदार हैं। कैप्टन के बीजेपी जॉइन करने पर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उनके परिवार के कई सदस्य केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर हैं। अब वो बीजेपी में गए हैं तो उनके सारे पाप धुल जाएंगे।

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब कैप्टन ने अपनी पार्टी बनाई और बाद में उसे दूसरे दल में मर्ज कर दिया। इससे पहले वो अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (पंथक) को कांग्रेस में विलय करा चुके हैं। ये वाकया 1998 का है। वैसे उनके मौजूदा फैसला का बीजेपी को खासा फायदा होने जा रहा है। बीजेपी के पास कोई ऐसा सिख नेता नहीं है जिसकी पूरे पंजाब में अपील हो। अमरिंदर सिखों के साथ हिंदू समुदाय में भी खासे लोकप्रिय रहे हैं।

एके एंटनी पर की आरोपों की बौछार

बीजेपी जॉइन करने के बाद अमरिंदर सिंह अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस पर जमकर बरसे। उनका कहना था कि एके एंटनी के रक्षा मंत्री रहते हथियार खरीद की कोई पहल नहीं की गई। उनका कहना था कि कांग्रेस की गलती को अब पीएम मोदी सुधार रहे हैं। अगर कांग्रेस ने हथियारों की खरीद की होती तो आज भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की माकूल स्थिति में होता।