Operation Sindoor: पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सात सदस्यीय टीम ने अलग-अलग देशों का दौरा किया था। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री व पटना साहिब से बीजेपी के सांसद रविशंकर प्रसाद भी फ्रांस के दौरे पर गए थे। आज उन्होंने बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमसे पूछा गया था कि हमने जवाब दिया कि जब अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप की सेनाएं अफगानिस्तान के पहाड़ों में ओसामा बिन लादेन की तलाश में 12,000 किलोमीटर जा सकती हैं, तो पीएम मोदी की सेनाएं भी हमारे नागरिकों पर हमला करने वालों की तलाश में 400 किलोमीटर जा सकती हैं।

मीडिया से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की वैश्विक पहुंच के तहत हमने कई देशों का दौरा किया। सभी देशों ने एक स्वर में पहलगाम में हुए बर्बर हमले की कड़ी निंदा की। हमने हाउस ऑफ कॉमन्स के नेताओं से मुलाकात की और उन्होंने कहा आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है, हम इसकी निंदा करते हैं। हमने उनसे यह भी कहा कि हम पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पाकिस्तान के साथ समस्या यह है कि (सेना के) जनरल पाकिस्तान को चलाते हैं।’

भारत ने पाकिस्तान के अंदर हमले क्यों किए- रविशंकर प्रसाद

भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, ‘ये जनरल अपने नापाक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल करते हैं। ये जनरल न तो जनता द्वारा चुने जाते हैं और न ही वे लोगों के प्रति जवाबदेह होते हैं। हमसे पूछा गया कि भारत ने पाकिस्तान के अंदर हमले क्यों किए? हमने जवाब दिया कि जब अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप की सेनाएं अफगानिस्तान के पहाड़ों में ओसामा बिन लादेन की तलाश में 12,000 किलोमीटर जा सकती हैं, तो पीएम मोदी की सेनाएं भी हमारे नागरिकों पर हमला करने वालों की तलाश में 400 किलोमीटर जा सकती हैं।’

ऑपरेशन सिंदूर का असर

भारत आज दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था – रविशंकर प्रसाद

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान और भारत का जन्म 1947 में एक ही तारीख को हुआ था। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि पाकिस्तान हाथ में कटोरा लेकर भीख मांग रहा है। हमसे पूछा गया (सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान) कि ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्यों रखा गया? हमने कहा कि हमारी बेटियों और बहनों का ‘सिंदूर’ मिटाया गया, इसलिए हमने उन आतंकवादियों को नष्ट करने के लिए इसका नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा।’ ऑपरेशन सिंदूर से लेकर कूटनीति तक जब देश एकजुट हुआ