Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री (Former PM) अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की रविवार को जयंती है। पूरा देश आज उनको याद कर रहा है। उनकी जयंती पर उनसे जुड़े पुराने किस्सों को याद किया जा रहा है। उनका ऐसा ही एक इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि राजनीति में आने के पीछे का क्या कारण था।

बताया क्यों रखा था राजनीति में कदम

इंडिया टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वे पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया था क्योंकि वे उनका अधूरा सपना पूरा करना चाहते थे। इस दौरान, उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीति में जो कुछ भी हो रहा है उससे बड़ी पीड़ा होती है, लेकिन मैं लडूंगा और संघर्ष करूंगा।

राजनीति के रेगिस्तान में मेरी कविता की धारा सूख गई: अटल बिहारी वाजपेयी

इंटरव्यू के दौरान इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ और चेयरमैन रजत शर्मा ने उनसे सवाल किया कि एक बहुत बड़ा विरोधाभास आपके चरित्र में दिखता है कि एक तरफ तो कवि होकर आप कविताएं लिखते हैं और भाव की बात करते हैं। दूसरी तरफ कठोर रास्ते पर चलते हैं।

इसके जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, “मैं इसे अंतर्विरोध नहीं मानता। बचपन से मैंने कविता लिखना शुरू किया। मैं पत्रकार बनना चाहता था। मैंने पत्रों का संपादन भी किया, लेकिन जब श्रीनगर के सरकारी अस्पताल में नजरबंदी की अवस्था में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का निधन हो गया, तो उनके अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए मैंने राजनीति में कूदने का फैसला कर लिया। राजनीति के रेगिस्तान में मेरी कविता की धारा सूख गई है। कभी-कभी मैं फिर से कविता लिखने की कोशिश करता हूं, लेकिन सच्चाई ये है कि मेरा कवि साथ छोड़ गया है और मैं पूरा राजनीतिक नेता बनकर रह गया हूं।

उनसे पूछा गया कि क्या वे वापस उस कवि को बुलाना चाहते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं उस दुनिया में लौटना चाहता हूं, लेकिन स्थिति वही है कि व्यक्ति कंबल छोड़ना चाहता है, लेकिन कंबल नहीं छोड़ता है। इस समय तो राजनीति को छोड़ नहीं जा सकता हूं, लेकिन राजनीति मेरे मन का पहला विषय नहीं है। राजनीति में जो कुछ हो रहा है उससे मेरे मन में बड़ी पीड़ा पैदा होती है। लेकिन इस समय छोड़कर जाना पलायन माना जाएगा और मैं पलायन का दोषी नहीं बनना चाहता। कर्तव्य की पुकार है तो मैं लडूंगा और संघर्ष करूंगा।”