Bharat Ratna controversy Bhimrao Ambedkar: पिछले कुछ दिनों से हिंदुस्तान की राजनीति में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर जबरदस्त हंगामा हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा संसद में दिए गए एक बयान को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया और इसे लेकर देश भर में विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए। 

इसके जवाब में बीजेपी और उसके समर्थकों ने कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा किया और कहा कि कांग्रेस ने कभी भी डॉक्टर आंबेडकर का सम्मान नहीं किया।

बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने कभी आंबेडकर का स्मारक नहीं बनवाया, इसके उलट बीजेपी सरकारों ने उनसे जुड़े कई स्थलों का विकास किया और मोदी सरकार ने ‘संविधान दिवस’ मनाने की भी घोषणा की। कांग्रेस के हमलों के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बयान दिया कि उनकी सरकार ने आंबेडकर के सम्मान में क्या-क्या काम किए हैं।

डॉक्टर आंबेडकर को नहीं दिया भारत रत्न

बीजेपी का कहना है कि आजादी के बाद लंबे वक्त तक देश में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी डॉक्टर आंबेडकर को भारत रत्न का सम्मान नहीं दिया।

बीजेपी की ओर से आरोप लगाया जाता है कि नेहरू-गांधी परिवार के तीनों प्रधानमंत्रियों- जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को तो भारत रत्न दे दिया गया लेकिन डॉक्टर आंबेडकर को जानबूझकर यह सम्मान नहीं दिया गया।

भारत रत्न भारत में दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी जाती है। हालांकि इस मामले में नियम यह है कि गृह मंत्रालय को जो सिफारिशें या अनुशंसाएं प्राप्त होती हैं, उन्हें वह प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजता है। गृह मंत्रालय ही इन पुरस्कारों के लिए नोडल मंत्रालय है।

नीले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे राहुल-प्रियंका गांधी, आंबेडकर विवाद को लेकर बीजेपी पर फिर साधा निशाना

नीले टी शर्ट और नीली साड़ी में संसद पहुंचे राहुल और प्रियंका गांधी (ANI)

मरणोपरांत भी दिया गया भारत रत्न का पुरस्कार

भारत रत्न का पुरस्कार मरणोपरांत यानी मृत्यु के बाद नहीं दिया जाता लेकिन कई मामलों में मृत्यु के बाद भी इस सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार को लोगों को दिया गया है। जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता के कामराज, AIADMK के संस्थापक एमजी रामचंद्रन, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर और डॉ. बीआर आंबेडकर को मरणोपरांत इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है भारत रत्न

भारत रत्न भारत में दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी जाती है। हालांकि इस मामले में नियम यह है कि गृह मंत्रालय को जो सिफारिशें या अनुशंसाएं प्राप्त होती हैं, उन्हें वह प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजता है। गृह मंत्रालय ही इन पुरस्कारों के लिए नोडल मंत्रालय है।

पिछले कुछ सालों में देश में डॉक्टर आंबेडकर को लेकर एक नया राजनीतिक वर्ग खड़ा हुआ है। यह राजनीतिक वर्ग डॉ. आंबेडकर को अपना मसीहा मानता है। देश में सुप्रीम कोर्ट से लेकर कई जगहों पर डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमा भी लगाई गई हैं।

Amit Shah on Ambedkar: ‘कांग्रेस नेताओं ने खुद को भारत रत्न दिया’, अमित शाह बोले- इन्होंने ‘बाबा साहब’ को चुनाव हरवाया, सच सामने आने पर भ्रम फैलाने लगे

अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा (PTI Image)

आइए, अब समझते हैं कि डॉक्टर आंबेडकर को लेकर राजनीति पिछले सालों में किस तरह आगे बढ़ी है।

एससी/एसटी मतदाता आए बीएसपी के साथ

1984 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), 1983 में डीएस-4 (दलित शोषित समाज संघर्ष समिति) का गठन और 1982 में कांशीराम की पुस्तक चमचा युग (कठपुतलियों का युग) के आने के साथ ही डॉ. आंबेडकर का नाम आम लोगों की जुबान पर आने लगा। बीएसपी ने महात्मा गांधी की आलोचना करना शुरू कर दिया और आंबेडकर को वंचित वर्गों का असली नायक बताया। अपने शुरुआती वक्त में बीएसपी जिन सीटों पर चुनाव लड़ी, वहां उसे लगभग 10 प्रतिशत वोट मिलने लगे और इससे यह संकेत मिल गया कि अनुसूचित जाति के मतदाता इस नई पार्टी के साथ खड़े हो रहे हैं। यह स्थिति अन्य राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बन गई और उन्होंने भी अनुसूचित जाति/जनजाति के वोट हासिल करने के लिए डॉक्टर आंबेडकर को ज्यादा महत्व देना शुरू कर दिया।

वीपी सिंह की सरकार ने दिया आंबेडकर को भारत रत्न

दिसंबर, 1989 में जब वीपी सिंह की सरकार बनी तो रामविलास पासवान, शरद यादव और नीतीश कुमार के असर के चलते 1990 में डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उस समय बीजेपी इस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी। लेकिन 24 सितंबर 1990 को बिहार के समस्तीपुर में जब बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया गया, तब बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया था।

क्या अमित शाह ने सच में किया बाबा साहब का अपमान? PIB Fact Check ने कही ये बात, आप खुद वीडियो देख तय करिए

अमित शाह के बयान पर मचा बवाल (PTI & ANI)

2014 में केंद्र में सरकार बनाने के बाद मोदी सरकार ने 10 भारत रत्न पुरस्कार दिए हैं। इनमें 2015 में अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय और 2019 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य नानाजी देशमुख का भी नाम शामिल है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न पुरस्कार दिया गया था।

गैर-कांग्रेसी सरकारों ने कांग्रेस नेताओं को दिया सम्मान

1977 में कांग्रेस का साथ छोड़कर प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई को 1991 में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली जनता दल (एस) सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया था। गुलजारीलाल नंदा को 1997 में संयुक्त मोर्चा की सरकार ने यह सम्मान दिया था। दो प्रमुख कांग्रेसी नेताओं, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया।