राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार आज (सोमवार) शाम समाप्त हो गया है। झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर (बुधवार) को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। प्रचार के आखिरी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वहीं भजनलाल शर्मा ने भारत आदिवासी पार्टी सांसद राजकुमार रोत पर पर भी कटाक्ष किया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सलूंबर विधानसभा में प्रचार करते हुए कहा,”स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, कानून व्यवस्था समेत सभी मोर्चों पर विफल राजस्थान की भाजपा सरकार के मुखिया भजनलाल शर्मा खाली कुर्सियों के सामने भाषण देकर संतुष्ट हो रहे होंगे।”
किस सीट पर किसके बीच है मुकाबला?
कांग्रेस की पूर्व सहयोगी भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के पास इन 7 में से 1-1 सीट हैं, जबकि कांग्रेस का 4 सीटों पर कब्जा है, वहीं बीजेपी के पास भी एक सीट है।
विधानसभा चुनाव-2024 | किसने की थी जीत दर्ज | पार्टी | वोट | |
1 | सलूंबर | अमृत पाल मीणा | बीजेपी | 87472 |
2 | दौसा | मुरारी लाल मीणा | कांग्रेस | 99004 |
3 | देवली-उनियारा | हरीश चंद्र मीणा | कांग्रेस | 95540 |
4 | खींवसर | हनुमान बेनीवाल | आरएलपी | 83096 |
5 | चौरासी | राजकुमार रौत | BAP | 64119 |
6 | रामगढ़ | शफिया जुबैर | कांग्रेस | 83311 |
7 | झुंझुनू | बृजेन्द्र सिंह ओला | कांग्रेस | 76177 |
किस-किस के बीच है मुकाबला?
विधानसभा सीट | बीजेपी | कांग्रेस | निर्दलीय\BAP\RLP | |
1 | झुंझुनू | राजेंद्र भांबू | अमित ओला | राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय) |
2 | दौसा | जगमोहन मीणा | डीसी बैरवा | |
3 | देवली-उनियारा | राजेन्द्र गुर्जर | केसी मीणा | नरेश मीणा (निर्दलीय) |
4 | खींवसर | रेवतराम डांगा | डॉक्टर रतन सिंह | कनिका बेनीवा (RLP) |
5 | चौरासी | कारीलाल ननोमा | महेश रोत | अनिल कटारा |
6 | रामगढ़ | सुखवंत सिंह | आर्यन जुबैर | |
7 | सलूंबर | शांता देवी मीणा | रेशमा मीणा |
राजस्थान उपचुनाव के बारे में
इस दौरान अहम पहलू भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ कांग्रेस की बात ना बन पाना भी है, जिससे सबसे पुरानी पार्टी की लय खोती दिख रही है।
हालांकि, कांग्रेस में आम सहमति यह है कि गठबंधन न होना जानबूझकर किया गया और यह अच्छा है क्योंकि इससे स्थानीय इकाइयां मजबूत बनी रहती हैं। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बागियों से ज़्यादा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है, इसका एक उदाहरण देवली उनियारा सीट है। जहां कांग्रेस ने नरेश मीना को फिर से टिकट देने से इनकार कर दिया, नरेश मीना निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं और बीएपी, आरएलपी और अन्य के समर्थन का दावा कर रहे हैं। दूसरी तरफ पूर्व कांग्रेस मंत्री राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनू से चुनाव लड़ रहे हैं।
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