Vice President Elections: बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले उपराष्ट्रपति के चुनाव में एक बड़ी लड़ाई होने जा रही है। इस चुनाव में एनडीए और विपक्षी INDIA गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं हो पाया है लेकिन एक चीज तय है कि इस बार उपराष्ट्रपति पद का चुनाव INDIA गठबंधन काफी मजबूती से लड़ेगा। 2022 के उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी गठबंधन को करारी हार मिली थी।

2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 725 वोट पड़े थे। इनमें से जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182। 15 वोट अवैध पाए गए थे। इस तरह धनखड़ ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 मतों से पराजित किया था।

9 सितंबर को डाले जाएंगे वोट

बताना होगा कि चुनाव आयोग ने भी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। आयोग ने कहा है कि 21 अगस्त तक उपराष्ट्रपति के पद के लिए नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे जबकि 9 सितंबर को वोट डाले जाएंगे। बताना होगा कि जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने की वजह से उपराष्ट्रपति का पद खाली हुआ है और अब चुनाव कराया जाना जरूरी है।

क्या है आंकड़ों का गणित?

संख्या बल के लिहाज से एनडीए इस चुनाव में काफी आगे है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करते हैं। बीजेपी के लोकसभा में 240 और राज्यसभा में 102 सदस्य हैं। संसद के दोनों सदनों में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार के पास 457 से ज़्यादा सदस्य हैं। कांग्रेस के लोकसभा में 99 और राज्यसभा में 27 सदस्य हैं। INDIA ब्लॉक और इससे जुड़ी पार्टियों के दोनों सदनों में मिलाकर 300 से ज़्यादा सदस्य हैं।

कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

धनखड़ के इस्तीफे से हलचल

बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को पहले पश्चिम बंगाल का राज्यपाल और फिर उपराष्ट्रपति जैसे बड़े पद पर बैठाया था लेकिन उन्होंने अचानक ही जब इस्तीफा दिया तो इससे यह समझा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेतृत्व के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे। अब बीजेपी और मोदी सरकार किसी ऐसे नेता पर दांव लगाएंगे जो उपराष्ट्रपति रहते हुए उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सके क्योंकि जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के फैसले को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया है और इससे सरकार की भी फजीहत हुई है। इसलिए मोदी सरकार और बीजेपी इस मामले में बहुत सोच-समझकर फैसला लेंगे।

उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, ऐसे में सरकार किसी ऐसे नेता को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहेगी जो सदन के कामकाज को भी बेहतर ढंग से चला सके।

धनखड़ के साथ काम कर रहे अफसरों का क्या हुआ?

कौन होगा एनडीए का उम्मीदवार?

राज्यसभा के लिए एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर एक नाम उपसभापति हरिवंश का भी चल रहा है। हरिवंश जदयू के सांसद हैं और उन्हें नीतीश और मोदी सरकार का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है।

यहां बताना जरूरी होगा कि जगदीप धनखड़ और उनसे पहले वेंकैया नायडू दोनों ही बीजेपी के बैकग्राउंड से आते थे इसलिए हो सकता है कि बीजेपी अपने किसी नेता को इस पद पर बैठाए। सोशल मीडिया पर चर्चा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर की भी है। लेकिन इन चर्चाओं में किसी तरह का दम नहीं माना जा रहा है।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और बिहार के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में है। मनोज सिन्हा का कार्यकाल जल्द ही पूरा होने वाला है।

निश्चित रूप से बीजेपी अपने उम्मीदवार का चयन करते वक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी राय लेगी।

INDIA गठबंधन क्या सोच रहा?

INDIA गठबंधन के नेताओं का मानना है कि भले ही वह संख्या बल में कमजोर हो लेकिन उसे चुनाव में एनडीए के सामने उम्मीदवार जरूर उतारना चाहिए। INDIA गठबंधन में शामिल दल ऐसे उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर रहे हैं जिनकी पिछड़े समुदायों, अल्पसंख्यकों, किसानों और आम लोगों के बीच अच्छी पहचान हो।

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