महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव में वह हुआ, जिसकी उम्मीद न तो किसी राजनीतिक दल ने की थी और न ही किसी राजनीतिक विश्लेषक ने। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह का माहौल महाराष्ट्र के अंदर था, उसमें यह माना जा रहा था कि बीजेपी और महायुति के लिए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाना आसान नहीं होगा। लोकसभा चुनाव के बाद महा विकास अघाड़ी (MVA) ने जीत के बड़े दावे किए थे और विधानसभा चुनाव में जोरदार मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
चुनाव नतीजों से यह साफ है कि महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी चली है। इसमें भी बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है और वह बहुत बड़ी जीत की तरफ आगे बढ़ रही है। बीजेपी की अगुवाई में महायुति ने MVA को लगभग ध्वस्त कर दिया है। दूसरी ओर, MVA ने चुनाव नतीजों को मानने से पूरी तरह इनकार कर दिया है लेकिन लोकतंत्र में जनता का फैसला सबसे बड़ा है और इसे स्वीकार करना ही होगा।
इन नतीजों के बाद एक सवाल जो सबके मन में है, वह यह कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? यह तय है कि बीजेपी अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपना दावा मजबूती से रखेगी। किसी भी तरह की गुटबाजी से बचने के लिए महायुति ने किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया था।
महाराष्ट्र की राजनीति को समझने वाले पॉलिटिकल पंडितों का मानना है कि बीजेपी राज्य की राजनीति में अपने सबसे बड़े चेहरे देवेंद्र फडणवीस को ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका देगी और इस बार वह कोई राजनीतिक समझौता नहीं करेगी। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार होंगे?
शिंदे की बगावत के बाद गिर गई थी सरकार
याद दिलाना होगा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब अविभाजित शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोक दिया था तो बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और अविभाजित एनसीपी के साथ मिलकर MVA की सरकार बनाई थी लेकिन जून, 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद यह सरकार गिर गई थी।
तब बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने हाथ मिलाया और राज्य में नई सरकार बनाई। ज्यादा विधायक होने के बाद भी बीजेपी ने बड़ा राजनीतिक समझौता किया और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जबकि फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने। याद दिलाना होगा कि फडणवीस साल 2014 में बीजेपी-शिवसेना की सरकार में 5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन बावजूद इसके उन्होंने एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर काम करना स्वीकार किया।
अब जब बीजेपी ने इस बात को साबित कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में उसका दबदबा बरकरार है तो इस बात की जबरदस्त संभावना है कि महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी को लेकर बीजेपी पीछे नहीं हटेगी और देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं।