उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए माहौल पूरी तरह तैयार हो चुका है। केंद्र सरकार की अगुवाई कर रहे एनडीए और विपक्षी INDIA गठबंधन अपने-अपने उम्मीदवार के नाम को फाइनल करने में जुटे हुए हैं। एनडीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस पद पर उम्मीदवार तय करने के लिए अधिकृत किया है।
संख्या बल के लिहाज से NDA विपक्ष से काफी आगे है इसलिए जबरदस्त चर्चा इस बात को लेकर है कि बीजेपी किसे उप राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी?
माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के चयन में आरएसएस की राय को भी अहमियत दी जाएगी। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने की वजह से उपराष्ट्रपति का पद खाली हुआ है।
2022 के चुनाव में मिली थी मार्गरेट अल्वा को हार
2022 में जब उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ था तब एनडीए ने बहुत बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। तब एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था।
अब सवाल है कि बीजेपी किस नेता के नाम पर इस चुनाव में मुहर लगा सकती है? मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, बीजेपी के जिन नेताओं के नाम इस पद के लिए आगे चल रहा है उनमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का नाम शामिल है।
जाट समुदाय को फिर मिलेगा मौका?
जगदीप धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं। उनके अचानक इस्तीफा देने की वजह से कहा जा रहा है कि इस समुदाय के लोग बीजेपी से नाराज हैं। ऐसे में चर्चा है कि जाट समुदाय से आने वाले आचार्य देवव्रत को बीजेपी उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना सकती है और इसके जरिये वह ओबीसी मतदाताओं को साध सकती है। इस संबंध में बीजेपी, आरएसएस के भीतर लगातार मंथन चल रहा है।
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने की वजह से बीजेपी की काफी किरकिरी हुई है क्योंकि कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि धनखड़ ने स्वास्थ्य वजहों से नहीं बल्कि दबाव के चलते इस्तीफा दिया है।
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं इसलिए बीजेपी बहुत सोच-समझ कर ही उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का चयन करेगी। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करते हैं।