Anonna Dutt

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया (Marshall Islands and Micronesia) में बेचे जाने वाले भारत निर्मित कफ सिरप के लिए एक और अलर्ट जारी किया है। भारत में बनने वाली दूषित खांसी की दवाई के लिए सात महीने के भीतर यह तीसरा ऐसा अलर्ट जारी किया गया है। इसके पहले गाम्बिया और उज्बेकिस्तान (Gambia and Uzbekistan) में बिक रही भारत निर्मित सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया गया था।

ख़राब केमिकल की अधिक मात्रा पाई गई

अलर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया के थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा सीने में जमाव और खांसी को दूर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सिरप गुइफेनेसिन में ‘डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा’ पाई गई। ये वही केमिकल हैं जो गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बिक रही सिरप में पाया गया था।

आम लोग सिरप न इस्तेमाल करें: WHO

अलर्ट में लोगों से सिरप का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया है। वहीं इसमें निर्माताओं को मेडिकल फॉर्मूलेशन में उपयोग करने से पहले प्रोपिलीन ग्लाइकोल, सोर्बिटोल और ग्लिसरीन / ग्लिसरॉल जैसे सिरप में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का परीक्षण करने के लिए भी कहा गया है।

दो दूषित पदार्थों का सबसे संभावित स्रोत दूषित सॉल्वैंट्स माना जाता है जो कि सिरप के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। जबकि उपयोग किए गए सॉल्वैंट्स हानिकारक नहीं हैं लेकिन दोनों प्रदूषकों को मनुष्यों के लिए टॉक्सिक माना जाता है। इससे पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव, पेशाब करने में असमर्थता और किडनी में गंभीर चोट लग सकती है। ये प्रदूषक (contaminants) घातक भी हो सकते हैं।

मंगलवार रात जारी अलर्ट के अनुसार WHO को 6 अप्रैल को संदूषण की सूचना दी गई थी। दो प्रशांत महासागर देशों में बेचे जाने वाले सिरप को पंजाब स्थित क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड द्वारा निर्मित और हरियाणा स्थित ट्रिलियम फार्मा द्वारा विपणन किया गया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा, “आज तक न तो कथित निर्माता और न ही विपणक ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी प्रदान की है।”