Atiq Ahmed Killed: अतीक अहमद की हत्या के बाद से यूपी की योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। जिस वक्त अतीक औऱ उसके भाई अशरफ की हत्या की गई उस समय पुलिस उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर गई थी। अतीक और अशरफ को जब गोली मारी गई, उस समय मीडिया उनसे सवाल कर रही थी, दोनों भाई कुछ बोलने ही जा रहे थे कि उनके सिर में गोली मार दी गई।

टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हत्यारे मीडियाकर्मी बनकर आए थे। हमलावरों ने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे। उन्होंने कई गोलियां चलाईं और फिर जय श्रीराम के नारे भी लगाए। इसके तुरंत बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने गोली चलाने वाले तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रयागराज पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्‍यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है। मौके पर पुलिस आयुक्त रमित शर्मा और जिलाधिकरी संजय कुमार खत्री सहित पुलिस के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं।

अतीक अहमद की सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है। अतीक अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था। झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। दोनों के शव को शनिवार सुबह दफनाया गया।

ओवैसी ने बोला हमला

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक और उसके भाई हत्या पर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि अतीक और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं। जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए। दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं।

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।