पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट भले ही पदक जीतने में कामयाब नहीं हो पाई हों। लेकिन अभी भी उनके पदक की उम्मीद बनी हुई है। विनेश फोगाट के मामले को भारतीय ओलंपिक संघ ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में आज दोपहर इस सुनवाई होनी है। इस मामले में भारत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मुकदमा लड़ेंगे।

पाकिस्तान को अतंरराष्ट्रीय न्यायालय में पटखनी देने वाले हरीश साल्वे के कंधे पर एक बार फिर भारत का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी मिली है। साल्वे ने पाकिस्तान जेल में बंद रहे कुलभूषण जाधव का केस लड़ा था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को चारो खाने चित किया था।

आइए जानते हैं हरीश साल्वे के बारे में

भारत के जाने माने वकील हरीश साल्वे को वकालत में महारत हासिल है। 68 साल के हो चुके साल्वे अभी भी अपने पेशें में काफी एक्टिव रहते हैं। वह अलग-अलग मामले को लेकर अपनी राय रखते रहते हैं। इसके साथ ही उनके पास बड़े-बड़े केस को जीतने और उसकी गुत्थी को सुलझाने का भी अनुभव है।

परिवार की विरासत को साल्वे ने बढ़ाया आगे

साल्वे का जन्म महाराष्ट्र में 22 जून 1955 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनको वकालत विरासत के रूप में अपने दादा से मिला। हरीश साल्वे के दादा फेमस क्रिमिनल लॉयर थे। जबकि उनके पिता केपी साल्वे पेशे से सीए जबकि उनकी मां अंब्रिति साल्वे डॉक्टर थी। साल्वे ने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश के मशहूर वकील बनें।

साल्वे की पढ़ाई नागपुर से हुई। जिसके बाद उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल्वे ने नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। जहां से प्रैक्टिस करते हुए साल्वे ने लॉ फर्म से अपना लीगल करियर शुरू करते हुए देश में अपनी पहचान बनाई।

हिट एंड रन केस में सलमान का लड़ा था केस

साल 1975 में हरीश साल्वे ने मशहूर फिल्म अभिनेता रहे दिलीप कुमार के ब्लैक मनी केस से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक केस लड़े। 2015 में साल्वे ने सलमान खान के पक्ष में हिट एंड रन केस लड़ा। इसके बाद साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय अदालत में साल्वे ने कुलभूषण जाधव का पक्ष रखते हुए भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया। नीरा राडिया टेप कांड में रतन टाटा का केस भी साल्वे ने ही लड़ा था।

साल्वे ने पाकिस्तान के खिलाफ कुलभूषण जाधव का केस महज 1 रुपये की फीस पर लड़ा था। जिसके लेकर उनकी खूब चर्चा भी हुई थी।