हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के बाद फिर से मोनू मानेसर चर्चा में है। लेकिन मोनू मानेसर कौन है और गुरुग्राम तक फैली हिंसा से उसका क्या कनेक्शन है, ये भी जानना महत्वपूर्ण है। मोनू मानेसर का नाम इस साल फरवरी में भिवानी में दो कथित गाय तस्करों की हत्या से जुड़ा था।
सोशल मीडिया पर जारी किया था वीडियो
हरियाणा के नूंह में झड़प से एक दिन पहले मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह ‘शोभा यात्रा’ में भाग लेगा और लोगों से बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने के लिए कहा था। हालांकि पुलिस ने मोनू मानेसर को रोक दिया और वह धार्मिक जुलूस में शामिल नहीं हुआ।
नूंह, गुरुग्राम और सोहना जिलों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां लोगों की बड़े पैमाने पर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी बातें हो रही हैं, जिसमे बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर की संभावित भागीदारी उन कारणों में से एक थी, जिसके कारण धार्मिक जुलूस पर हमला हुआ। लेकिन मोनू मानेसर कौन है और वह इतना विवादास्पद क्यों है?
जानिए कौन है मोनू मानेसर
मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव बजरंग दल का सदस्य और गौरक्षक है। वह गुरुग्राम के पास मोनू मानेसर से आता है। वह हरियाणा में बजरंग दल की गाय संरक्षण टास्क फोर्स इकाई गोरक्षा दल के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के लिए फेमस हो गया। मोनू के पिता की मौत हो चुकी है। उसका एक छोटा भाई और एक बहन है। मोनू मानेसर शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। वो पिछले 10-12 वर्षों से बजरंग दल से जुड़ा है।
मोनू मानेसर की प्रसिद्धि कथित गौ तस्करों के खिलाफ उसकी सतर्कता से है। उसके काम करने के तरीके में रात की पाली के अपने लोगों से संदिग्ध वाहनों के बारे में सुझाव प्राप्त करना शामिल है, जिसके बाद वह पुलिस को रिपोर्ट करता है। यदि पुलिस जवाब देने में असमर्थ है, तो मोनू मानेसर और उसके साथी मामले को अपने हाथ में लेते हैं, संदिग्धों को पकड़ते हैं और उन्हें पुलिस को सौंप देते हैं। हालांकि मोनू मानेसर के कार्यों ने विवाद और आलोचना को जन्म दिया है।
राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के रहने वाले नासिर और जुनैद का कथित तौर पर 15 फरवरी को गोरक्षकों ने अपहरण कर लिया था और अगले दिन उनके शव हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में मिला था। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया और मोनू मानेसर को आरोपी बनाया। हालांकि मोनू मानेसर ने अपहरण और हत्या के आरोपों से इनकार किया है और फिलहाल फरार है।
सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर की मजबूत उपस्थिति
मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है। उसके यूट्यूब पर दो लाख से अधिक सब्सक्राइबर और फेसबुक पर 83,000 फॉलोअर्स हैं। उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकसर उसके और उसकी टीम के अवैध रूप से मवेशियों को ले जाने वाले संदिग्ध वाहनों का पीछा करते हुए लाइव-स्ट्रीम वीडियो दिखाए जाते हैं। गंभीर आरोपों के बावजूद मोनू मानेसर को समाज के कुछ वर्गों से समर्थन मिलता रहता है। इस साल की शुरुआत में मोनू के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए मानेसर में एक हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनू मानेसर पॉलिटेक्निक डिप्लोमा होल्डर है। जब वह कॉलेज में था तभी बजरंग दल में शामिल हो गया था।