इजरायल और हमास के बीच युद्ध रुक गया है। युद्ध रुकने की घोषणा के बाद गाजा पीस समिट का आयोजन मिस्र में किया गया। इस समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता मिला था। हालांकि व्यस्त कार्यक्रम के चलते पीएम मोदी इसमें शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने अपने विशेष दूत के तौर पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को भेजा।

मनकापुर राजघराने के राजा हैं कीर्ति वर्धन सिंह

कीर्ति वर्धन सिंह ने समिट में भारत का पक्ष रखा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। कीर्ति वर्धन सिंह राजपरिवार से आते हैं और मनकापुर राजघराने के राजा हैं। कीर्ति वर्धन सिंह मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री हैं और उन्हें पीएम मोदी का बेहद करीबी भी माना जाता है। कीर्ति वर्धन सिंह के पिता आनंद सिंह भी सांसद रहे हैं। कीर्ति वर्धन सिंह 5 बार सांसद रह चुके हैं।

कीर्ति वर्धन के पिता भी रह चुके हैं सांसद

कीर्ति वर्धन सिंह के पिता राजा आनंद सिंह का कुछ महीने पहले ही निधन हुआ था। आनंद सिंह चार बार के सांसद रह चुके हैं। गोंडा और कैसरगंज में राज परिवार और चर्चित पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की अदावत की खबरें आती रहती हैं। आनंद सिंह को 1991 के चुनाव में पहली बार बृजभूषण शरण सिंह ने ही हराया था और 1996 में भी वह हार गए। इसके बाद 1998 में कीर्ति वर्धन सिंह पहली बार सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े और चुनाव जीत गए।

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सपा से 2014 में दिया था इस्तीफा

कीर्ति वर्धन सिंह 2014 तक समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद भी थे। वहीं 2014 में उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। इसके बाद उन्हें पार्टी ने टिकट दिया और वह गोंडा से मोदी लहर में चुनाव जीत गए। 2024 में जब पूर्वांचल और अवध में बीजेपी को झटका लगा, उस समय भी कीर्ति वर्धन सिंह ने गोंडा से बड़े अंतर से जीत हासिल की। इसका इनाम भी कीर्ति वर्धन सिंह को मिला और उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया।

कीर्तिवर्धन सिंह राजा जरूर हैं लेकिन वह अपने सरल और सहज स्वभाव के लिए पूरे क्षेत्र में जाने जाते हैं। कीर्ति वर्धन सिंह लगातार मोदी सरकार की तरफ से भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर रख रहे हैं।