C Sadanandan Master Rajya Sabha: बीजेपी के एक ऐसे नेता को राज्यसभा जाने का मौका मिला है जिन्होंने राजनीतिक हिंसा में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। इनका नाम सी. सदानंदन मास्टर है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम की घोषणा के बाद कहा कि सदानंदन का जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने का प्रतीक है।

सदानंदन को पिछले हफ्ते ही केरल बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। वह मूल रूप से कन्नूर के मट्टनूर के पास पेरिंचरी गांव के रहने वाले हैं। उनका गांव CPM का गढ़ है। यह बेहद दिलचस्प बात है कि उनका परिवार कम्युनिस्ट विचारधारा का समर्थक था लेकिन वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए।

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RSS में शामिल होने की वजह से CPM के स्थानीय नेता उनसे दुश्मनी रखने लगे। 25 जनवरी 1994 को रात लगभग 8:30 बजे एक गैंग ने उन पर हमला किया। उस वक्त वह बस से उतरकर अपने घर की ओर जा रहे थे। तब वह कन्नूर जिले में RSS के सहकार्यवाह थे।

घुटने के नीचे से काट दिए थे पैर

सदानंदन ने कहा, ‘एक गिरोह ने अचानक बम फेंकने शुरू कर दिए, जिससे लोग डर गए और लोग भागने लगे और अपनी दुकानें बंद कर दीं। गिरोह के लोगों ने मुझे पकड़ लिया। उन्होंने मुझे सड़क पर गिराया और दोनों पैरों को घुटनों के नीचे से काट दिया। पुलिस के आने तक मेरी किसी ने मदद नहीं की।’

इतने बड़े हमले के बाद भी सदानंदन RSS में पूरी तरह सक्रिय रहे। कुछ समय तक उन्होंने एर्नाकुलम में RSS के बौद्धिक प्रमुख के रूप में काम किया।

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RSS के बौद्धिक प्रमुख भी रहे सदानंदन

सदानंदन कुछ महीने अस्पताल में रहे। बीजेपी ने उन्हें सहारा दिया और अपने मुखपत्र जन्म भूमि में सब-एडिटर नियुक्त किया 1999 में सदानंदन त्रिशूल में संघ परिवार द्वारा चलाए गए स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करने लगे। कुछ समय तक उन्होंने एर्नाकुलम में RSS के बौद्धिक प्रमुख के रूप में भी काम किया।

केरल की राजनीति में बीजेपी CPM पर हिंसा करने के आरोप लगाती रही है। उसने 2016 के चुनाव में सदानंदन को उम्मीदवार बनाया था। इस इलाके में 1990 के दशक में काफी राजनीतिक हत्याएं हुई थी।

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