CBI Chief Alok Verma: वरिष्ठ आईपीएस अफसर आलोक वर्मा को मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से जीत मिली है। अदालत ने उनको छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को पलट दिया है। वर्मा इससे पहले सीबीआई अफसर राकेश अस्थाना के साथ टकराव को लेकर काफी वक्त तक सुर्खियों में थे। टकराव बढ़ा तो दोनों को ही सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया। वर्मा ने भले ही अस्थाना या केंद्र सरकार से टकराव मोल लिया हो, लेकिन उनके साथी अफसर मानते हैं कि यह उनके सामान्य बर्ताव के उलट है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हम उन्हें इस तरह सार्वजनिक झगड़े में उलझा हुआ देखेंगे। यहां तक कि कमिश्नर रहने के दौरान दिल्ली पुलिस की बैठकों में भी वह बहुत कम बोलते थे। वह अधिकतर नरमी से बात करते थे।’

वर्मा का जन्म 1957 में हुआ था। उनका बचपन दिल्ली के पूसा रोड स्थित एक सरकारी कॉलोनी में बीता। सिविल लाइंस में सेंट जेवियर्स स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में ग्रैजुएशन किया। 22 साल की उम्र में वर्मा ने पहले प्रयास में ही सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली थी। यूनियन टेरिटरी कैडर के 1979 बैच के सबसे युवा अफसर वर्मा ने परिवार के अन्य सदस्यों से इतर प्रोफेशन चुना। उनके बड़े भाई आरके वर्मा और पीके वर्मा ने रेस्तरां के बिजनेस में हाथ आजमाया और दिल्ली के पहले चीनी रेस्तरां चेन द गोल्डन ड्रैगन की स्थापना की। हालांकि, वर्मा को अपने भाइयों की तरह ही खाने पीने के प्रति बेहद दिलचस्पी है। दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने कहा, ‘वह खाने पीने के शौकीन हैं। एक असली दिल्लीवाले, जिसे उस हर नुक्कड़ और चौराहे के बारे में पता है, जहां अच्छा खाना परोसा जाता है। जहां आपको अच्छी कचौड़ी, पराठा या मिठाई मिल जाए।’

अपने 38 साल के करियर में आईपीएस वर्मा ने कई केंद्र शासित राज्यों और पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी सेवाएं दीं। गोवा, मिजोरम, अंडमान-निकोबार और दिल्ली तक। दिल्ली पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान वर्मा ने लोअर कॉन्स्टेबुलरी के लिए एक ऐसा फैसला लिया, जिसने उन्हें उस वर्ग में बेहद लोकप्रिय बना दिया। उनके 21 हजार प्रमोशन का रास्ता साफ करने के फैसले ने उन्हें इतना मशहूर बना दिया कि कई आज भी अपने वॉट्सऐप डीपी पर वर्मा की तस्वीर लगाए हुए हैं। हालांकि, वर्मा के बेहद नजदीकी माने जाने वाले सहकर्मी उन केसों के बारे में बड़ी मुश्किल से याद कर पाते हैं, जिन्हें वर्मा ने सॉल्व किए हों या हैंडल किए हों। दिल्ली पुलिस के एक पूर्व कमिश्नर ने कहा कि आलोक वर्मा के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि सीबीआई का डायरेक्टर बनना है। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने कहा, ‘वह इतने रिजर्व रहते हैं कि उन्होंने बहुत नेटवर्क नहीं बनाया। हालांकि, वह बेहद लकी इंसान हैं। वह तिहाड़ के डीजी रहे, दिल्ली के कमिश्नर रहे और सीबीआई के डायरेक्टर बने।’ सीबीआई में वर्मा के साथ काम कर चुके एक शख्स ने कहा, ‘वर्मा साब बहुत इमोशनल शख्स हैं। अगर आप उनसे पंगा लेंगे तो यह आपको भारी पड़ेगा।’