Hitendra Thakur Family: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े के कैश फॉर वोट मामले को लेकर देश भर में सियासत गर्म हो गई है। महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनाने की जी-तोड़ कोशिश कर रही बीजेपी को इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने घेर लिया है। विनोद तावड़े पर बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) की ओर से आरोप लगाया गया है कि वह मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांट रहे थे। इस दौरान हुए हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और टीवी चैनलों पर भी इस मुद्दे पर बहस हो रही है। तावड़े ने कहा है कि विपक्ष बेबुनियाद आरोप लगा रहा है और चुनाव आयोग को इस मामले में जांच करनी चाहिए।

इस मामले के सामने आने के बाद बीवीए की अगुवाई करने वाला ठाकुर परिवार एकदम से जबरदस्त चर्चा में आ गया है। लोग जानना चाहते हैं कि वसई विरार में जबरदस्त असर रखने वाला यह ठाकुर परिवार आखिर कौन है?

आइए, आपको बताते हैं।

इस ताकतवर ठाकुर परिवार के मुखिया और बीवीए के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर वसई विधानसभा सीट से छह बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। हितेंद्र ठाकुर का पालघर जिले के विरार, वसई और नालासोपारा के इलाकों में अच्छा-खासा प्रभाव है। ठाकुर परिवार कारोबार में भी दखल रखता है।

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महाराष्ट्र चुनाव में होगा इस मामले का असर? (Source-FB)

2019 के विधानसभा चुनाव में बीवीए के तीन उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इनमें हितेंद्र ठाकुर के अलावा उनके बेटे क्षितिज ठाकुर और राजेश पाटिल का नाम भी शामिल है। क्षितिज ठाकुर खुद भी नालासोपारा से तीन बार विधायक का चुनाव जीते हैं और राजेश पाटिल भी दो बार विधानसभा पहुंच चुके हैं।

हितेंद्र ठाकुर के भाई का नाम भाई ठाकुर है वह भी इस इलाके में जाना पहचाना और चर्चित नाम हैं। कहा जाता है कि भाई ठाकुर एक गैंगस्टर है और उसके अंडरवर्ल्ड के डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध हैं।

पहले MVA फिर बीजेपी-शिंदे सरकार को दिया समर्थन

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बीवीए ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार का समर्थन किया था लेकिन कुछ वक्त बाद कई मुद्दों को लेकर इन दोनों के बीच मतभेद पैदा हो गए।

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जून, 2022 में ठाकुर परिवार ने राज्यसभा चुनाव के दौरान पाला बदल लिया और बीजेपी का साथ दिया। इसके बाद काफी उथल-पुथल हुई और महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार गिर गई और ठाकुर परिवार ने बीजेपी-शिवसेना शिंदे की सरकार को समर्थन दे दिया। लेकिन पिछले कुछ वक्त में ठाकुर परिवार के बीजेपी के साथ भी रिश्ते खराब हुए हैं। इस चुनाव में नालासोपारा सीट पर क्षितिज ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस के विजय पाटिल और बीजेपी की स्नेहा दुबे पंडित से है। क्षितिज ठाकुर की 2013 में बांद्रा वर्ली सी लिंक पर एक पुलिस अफसर के साथ झड़प हो गई थी और यह टकराव इतना बढ़ गया था कि उस पुलिस अफसर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा में लाना पड़ा था।

वोटिंग से ठीक एक दिन पहले हुए इस प्रकरण ने निश्चित रूप से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीजेपी नेतृत्व को भी इस बात का डर हो सकता है कि इस घटना की वजह से कहीं चुनाव में कोई बड़ा सियासी नुकसान ना हो जाए। बीजेपी को नुकसान होने की चर्चाओं के बीच यह भी देखना होगा कि क्या ठाकुर परिवार और बीवीए को इससे चुनाव में कोई फायदा मिलेगा?