अवैध धर्मांतरण पर बहस के दौरान संविधान और शरिया का जिक्र कर दो पैनलिस्टों ने एक दूसरे पर जमकर वार किए। एक ने सवाल किया कि संविधान और शरिया में से कौन ऊपर है तो दूसरे ने जवाब दिया-गंगा जमुनी तहजीब बिगाड़ना चाहते हैं।

न्यूज 18 पर एंकर अमिश देवगन ने अवैध धर्मांतरण पर बहस कराई को राजनीतिक विशेषज्ञ के तौर पर शिरकत कर रहे शहजाद पूनावाला ने सवाल किया कि संविधान और शरिया में से कौन ऊपर है। उनका कहना था कि अगर आप संविधान को ऊपर मानते हैं तो तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने में क्यों हिचकिचाहट थी।

उनका कहना था कि ये लोग वही व्यवस्था लाना चाहते हैं, जिसके आने के बाद कश्मीरी पंडितों का सरेआम नरसंहार किया गया। उनका कहना था कि ये उसी मंडली के लोग हैं जिन्होंने शाहबानो प्रकरण में सरेआम सर्वोच्च अदालत का विरोध किया था। इन्हें अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।

मुस्लिम चिंतक के तौर पर डिबेट में बैठे अतीकुर्ररहमान ने एक अखबार की खबर का जिक्र कर कहा कि ये लोग गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ने पर आमादा हैं। उनका कहना था कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है उस पर बहस होनी चाहिए थी। उनका कहना था कि बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया और शहजाद पूनावाला इस तहजीब को तार-तार करना चाहते हैं।

शहजाद ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर आप हिंदू-मुस्लिम के बीच शादी को वैध मानते हैं कि तो खुलकर क्यों नहीं बोलते। अगर वो इसे सही मानते हैं कि तो क्या जोधा और अकबर के विवाह को सही ठहराना चाहेंगे। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि क्या कुरान के लिहाज से एक हिंदू से मुस्लिम की शादी को वैध करार देने की हिम्मत करेंगे।

अतीकुर्ररहमान ने कहा कि वो संविधान को मानने वाले हैं। उन्हें अच्छे से पता है कि मुल्क कुरान नहीं बल्कि संविधान के हिसाब से चलता है। उनका कहना था कि ये लोग बेसिरपैर के सवाल को उठाकर कौमी एकता को बिगाड़ना चाहते हैं।