Maharashtra Navnirman Sena (MNS): राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक दुकानदार को पीटे जाने का एक वीडियो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इस वीडियो ने महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी के विवाद को भड़का दिया और इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी जोरदार रिएक्शन देखने को मिला।
MNS के कुल सात कार्यकर्ताओं ने दुकानदार पर हमला किया। इसमें से तीन या तो MNS के पदाधिकारी हैं या फिर पार्टी में सक्रिय हैं।
यह ताजा घटना ठाणे जिले के मीरा-भायंदर इलाके में हुई। पुलिस ने इन सभी कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसमें से तीन पार्टी के पदाधिकारी हैं या पार्टी में सक्रिय हैं। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो इनकी पहचान MNS की मीरा-भायंदर इकाई से जुड़े नेताओं के रूप में हुई। मीरा-भायंदर इकाई के प्रमुख संदीप राणा हैं।
आइए, जानते हैं कि इस थप्पड़ कांड में शामिल MNS के सक्रिय तीन नेता कौन हैं।
करण कंडांगीरे
30 साल के करण MNS की मीरा-भायंदर यूनिट के उप प्रमुख हैं और पिछले 6 साल से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। वह पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं उन्हें शहर प्रमुख संदीप राणे का करीबी माना जाता है। उनकी राज ठाकरे और उनके बेटे अमित ठाकरे के साथ कई तस्वीरें हैं। करण विवाहित हैं और रियल एस्टेट सर्विसेज के काम से जुड़े हुए हैं।
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करण के खिलाफ कोविड-19 के दौरान एक सरकारी कर्मचारी के काम में रुकावट डालने को लेकर मामला दर्ज हुआ था। उस समय MNS के कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने उपद्रव किया था और नगर निगम के अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान शराब पीने का आरोप लगाया था।
FIR दर्ज होने के बाद करण ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘कई गैर मराठी भाषी मेरे दोस्त हैं, वे मराठी बोलने वालों का और मराठी भाषा का सम्मान करते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो मराठी भाषा और मराठी लोगों से नफरत करते हैं, उन्हें उनकी हैसियत दिखानी जरुरी है।’
प्रमोद नीलेकट
32 साल के प्रमोद MNS की वाहतुक सेना (परिवहन शाखा) के ‘जिला संगठक’ हैं। प्रमोद भी पार्टी के लिए कई सालों से काम कर रहे हैं। वह मराठा आरक्षण आंदोलन में भी सक्रिय रहे थे और उन्हें भी संदीप राणे का करीबी माना जाता है। प्रमोद मीरा-भायंदर इलाके में बेकरी चलते हैं। इससे पहले उन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था।
अक्षय सालवी
31 साल के अक्षय सालवी मुंबई के दहिसर में रहते हैं और पार्टी के कार्यकर्ता हैं। वह भी MNS की मीरा-भायंदर इकाई में एक्टिव हैं और उनके खिलाफ कोई और मामला दर्ज नहीं है।
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दुकानदार को मार दिया था थप्पड़
MNS के कार्यकर्ता इससे पहले भी हिंदी बनाम मराठी के मुद्दे पर लोगों पर हमला कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में इसके कुछ कार्यकर्ताओं ने साउथ मुंबई के गिरगांव इलाके में एक दुकानदार को थप्पड़ मार दिया था। ऐसा इन्होंने इसलिए किया था क्योंकि दुकानदार ने महिला से मराठी के बजाय मारवाड़ी में बात करने को कहा था। हालांकि तब कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी।
सुपर मार्केट के कर्मचारी के साथ मारपीट
इस साल मार्च में MNS के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा कि उन्होंने मुंबई में एक सुपर मार्केट के कर्मचारी के साथ मारपीट की। कर्मचारी की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने मराठी भाषा में बात नहीं की थी।
थप्पड़ मारने में हिचके नहीं- राज ठाकरे
इसके अगले महीने पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के मौके पर आयोजित रैली में कहा कि राज्य में सभी सरकारी कामों के लिए मराठी भाषा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। ठाकरे ने यहां तक कहा था कि ऐसे लोग जो मराठी बोलने से इनकार करते हैं उन्हें थप्पड़ मारने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
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सिक्योरिटी गार्ड और ऑटो रिक्शा चालक को पीटा
अप्रैल में मुंबई के पवई में पुलिस ने MNS के तीन कार्यकर्ताओं और एक डिलीवरी एजेंट पर मुकदमा दर्ज किया था। यह मुकदमा इसलिए दर्ज हुआ था क्योंकि पवई रेजिडेंशियल सोसायटी के सिक्योरिटी गार्ड ने मराठी में बात नहीं की थी। MNS के नेताओं ने गार्ड से जबरन माफी भी मंगवाई थी। जून में MNS के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में एक ऑटो रिक्शा चालक को पीटा और यह आरोप लगाया कि उसने मराठी भाषा बोलने वाले यात्री और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गलत शब्द बोले थे। यह मामला भी अदालत में चल रहा है।
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