उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कैसे समाजवादी पार्टी की कमान मिली, इस बारे में नए तथ्य सामने आए हैं। मशहूर पत्रकार प्रिया सहगल ने अपनी नई किताब The Contenders में एक बैठक का जिक्र किया है, जहां पहली बार इस बात की चर्चा हुई। सहगल की किताब राजनैतिक दलों की नई पीढ़ी पर केंद्रित है। इसके अनुसार, यूपी में 2007 के विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टी हारी तो मंथन का दौर शुरू हुआ। उसी समय मुलायम सिंह यादव के आवास पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें अमर सिंह, जया प्रदा, जया बच्चन और रामगोपाल यादव मौजूद थे। तब पार्टी के रणनीतिकार रहे अमर सिंह ने अखिलेश यादव का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया था, तब उन्होंने कहा था कि नए दौर की राजनीति को नई उम्र के नेता की जरूरत है। हालांकि, उस बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका था।
उसी बैठक में अमर सिंह ने अपनी दो जुड़वा बेटियों में से एक की ओर मुड़ते हुए उनसे उनके पसंदीदा टीवी शो के बारे में पूछा था। जवाब मिला Hannah Montana। मुलायम सिंह यादव इस शो का नाम सुन अचरज में पड़ गए क्योंकि उन्होंने कभी उसका नाम तक न सुना था। अमर सिंह का कहना था कि अखिलेश की बेटियां उनकी बेटियों की उम्र की हैं, इसलिए वह (अखिलेश) खुद को युवा पीढ़ी को बेहतर ढंग से जोड़ पाएंगे। बैठक में मौजूद बाकी सभी ने इसका समर्थन किया पर मुलायम ने कहा कि वह इस बारे में पार्टी के विचारक जनेश्वर मिश्र से बात करेंगे।
जनेवश्वर मिश्र ने जब इस प्रस्ताव का समर्थन किया तो मुलायम हैरान हो गए। इसके बाद से मिश्र ने अखिलेश को राजनीति में संवारना शुरू कर दिया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पैर न छूने की सलाह अखिलेश को मिश्र ने ही दी थी। उन्होंने कहा था, ”सम्मान ही देते रहोगे तो उन्हें अनुशासन में कैसे लाओगे?”
2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, समाजवादी पार्टी में कई खेमे बन गए थे। मुलायम को पार्टी का संरक्षक बनाकर किनारे कर दिया गया, जबकि अखिलेश को पांच साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। शिवपाल सिंह यादव ने अलग राजनैतिक पार्टी बना ली है और अमर सिंह बहुत पहले ही सपा से बाहर किए जा चुके हैं।