नवंबर का महीना जारी है और अभी तक ठंड ने ठीक तरह से दस्तक नहीं दी है। यह सवाल और इसपर चर्चा अब आम बातचीत का हिस्सा हो गई है। मौसम अधिकारियों ने 17 नवंबर से पारे में गिरावट का अनुमान लगाया है। हालांकि रात में हल्की ठंड महसूस होने लगी है। बीच नवंबर में पहुंचने के बावजूद तामपान बढ़ा हुआ है और यह मानदंडों से बहुत ज़्यादा है।
पिछले सालों से एकदम उलट है मामला
- मौजूद जानकारी के मुताबिक नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक हर दिन अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर मंडराता रहता है, जबकि रात का तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
- पिछले कुछ सालों से यह एकदम उलट है जब तामपान आमतौर पर अब तक 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर जाता था।
- साल 2011 से 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में तापमान में आम तौर पर कमी आई है, दिन का अधिकतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।
- डेटा से यह भी पता चलता है कि 2015 और 2011 में भी मौसम का यही पैटर्न देखा गया था। हालांकि, 2015 में दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, जबकि रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस पर सामान्य रहा।
- सर्दियों में दिल्ली में ठंडा तापमान आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) के कारण आता है। इस ही वजह से बारिश होती होती है और ठंड बढ़ती है।
- एक वजह हिमालय में बर्फबारी की कमी भी है, जिससे अब तक सर्दियों के आने में देरी हुई है।
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- आईएमडी के एक अधिकारी ने मौजूदा मौसम पैटर्न और सर्दियों की देरी के बारे में पीटीआई से बात करते हुए कहा, “हर साल मौसमी हवाओं और तापमान में गिरावट सर्दियों की शुरुआत की वजह बन जाता है, लेकिन इस साल अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। उत्तरी हवा का प्रवाह और वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) पूरी तरह से सेट नहीं हुए हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि यह हालात 17 तारीख के आसपास बदल जाएंगे और मौसम का मिजाज बदलेगा।”