Nationwide SIR: चुनाव आयोग राष्ट्रीय स्तर पर वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण यानी SIR के संबंध में सोमवार 27 अक्टूबर को अहम ऐलान करने वाला है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, ECI कई राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर अपने कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी शाम सवा चार बजे अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
अहम बात यह है चुनाव आयोग ने मीडियो को जो इन्विटेशन भेजा है, उसमें एसआईआर का उल्लेख नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, यह अभ्यास 1 नवंबर 2025 से शुरू हो सकता है। यह संभवतः उन 5 राज्यों को कवर करेगा, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
किन राज्यों में सबसे पहले होगा SIR?
जिन राज्यों में जल्द एसआईआर होने की संभावना है, उसकी लिस्ट में असम केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल हैं। अनुमान ये है कि स्थानीय चुनाव जैसी परिस्थितियों वाले राज्यों के इससे बाहर रखा जा सकता है।
बता दें कि एसआईआर एक व्यापक प्रक्रिया है जिसके तहत नए सिरे से चुनाव आयोग वोटर लिस्ट तैयार करता है। इसके लिए नए वोटर्स को दस्तावेज भी जमा करने पड़ते हैं। यह वार्षिक या चुनाव-पूर्व विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) से भिन्न है।
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चुनाव आयोग ने क्या बताए थे SIR के कारण?
एसआईआर को अधिकृत करने वाले अपने 24 जून के आदेश में चुनाव आयोग ने कहा था कि आयोग ने पाया है कि 20 वर्षों के दौरान वोटर लिस्ट में बड़े बदलाव हुए हैं, क्योंकि इस लंबी अवधि में बड़े पैमाने पर नाम जोड़े या हटाए गए हैं। तेज़ी से शहरीकरण और शिक्षा, आजीविका व अन्य कारणों से आबादी का एक जगह से दूसरी जगह लगातार पलायन एक नियमित चलन बन गया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि कई मतदाता पिछली मतदाता सूची से अपना नाम हटाए बिना ही नए पते पर पंजीकरण करा लेते हैं, जिससे डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ होने की संभावना बढ़ जाती है। आयोग ने गहन संशोधन का एक अन्य कारण समय के साथ विदेशी नागरिकों के भी इसमें शामिल होने की संभावना को बताया।
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