पश्चिम बंगाल में बीजेपी की हार के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लगता है कि जो काम वो कर रहे थे उससे अब ब्रेक लेना जरूरी है। एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वो टीवी एंकर बनना चाहेंगे तो ठहाका लगाते हुए पीके का कहना था कि वो इसके लिए क्वालीफाईड नहीं हैं। इस वजह से इस तरह के काम को नहीं करना चाहते।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मात देने के लिए सीएम ममता के सांसद भतीजे अभिषेक ने पीके की सेवाएं ली थीं। उसके बाद TMC की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर ने तैयार की थी। उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा कि अब वो चुनावी रणनीति नहीं बनाएंगे, वह इस पेशे को छोड़ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं जो कर रहा था, अब उसे जारी नहीं रखना चाहता। मेरे लिए एक ब्रेक लेने और जीवन में कुछ और करने का समय है। मैं इस पेशे को छोड़ना चाहता हूं।
एक सवाल पर उनका कहना था कि उनकी कंपनी आईपैक के सीनियर लोगों को इसकी जानकारी है। हालांकि, बंगाल में जीत के बाद पीके पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े थे, लेकिन पीके ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के अपने निर्णय के मद्देनजर वे सीएम के प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हैं।
माना जा रहा है कि प्रशांत ने पंजाब कांग्रेस की मौजूदा हालत को देखते हुए दो कारणों से कैप्टन से सलाहकार के रूप में काम करने से इनकार किया है। एक तरफ से राज्य कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है और दोनों धड़े अपने-अपने ढंग से काम करने लगे हैं। इस कारण प्रशांत किशोर अपनी रणनीति को लागू नहीं करा सकेंगे।
हालांकि, खबरें इस बात की भी हैं कि पीके कांग्रेस में बड़े स्तर से एंट्री करना चाहते हैं। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से नजदीकी को देखते हुए गलियारों में ये चीज चर्चा का विषय बन गई है। लोगों की उत्सुकता है कि पीके कैसे कांग्रेस में जाते हैं। यानि उन्हें कौन सा और कितना बड़ा पद दिया जाता है।